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Mundamala Tantra Stotra || श्री मुण्डमाला तन्त्रोक्त महाविद्या स्तोत्र : Full Lyrics with Benefits
Mundamala Tantra Stotra (मुण्डमाला तन्त्रोक्त महाविद्या स्तोत्र)
मुण्डमाला तन्त्रोक्त महाविद्या स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र (powerful hymn) है, जो देवी महाकाली (Goddess Mahakali) की स्तुति करता है। इसका पाठ (recitation) करने से व्यक्ति को भय (fear) से मुक्ति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) का नाश होता है। यह स्तोत्र तंत्र विद्या (Tantric practices) के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति (spiritual power) प्रदान करता है। इसका नियमित पाठ (regular recitation) करने से जीवन की बाधाएं (obstacles in life) दूर होती हैं और व्यक्ति को सफलता (success) प्राप्त होती है। मुण्डमाला स्तोत्र (Mundamala Stotra) व्यक्ति को आत्मबल (inner strength) और साहस (courage) प्रदान करता है। यह स्तोत्र देवी के भक्तों (devotees of Goddess) को बुरी नजर (evil eye) और काले जादू (black magic) से भी सुरक्षा प्रदान करता है।मुण्डमाला तन्त्रोक्त महाविद्या स्तोत्र (Mundamala Tantra Stotra)
ॐ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनि ।
नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि॥
शिवे रश्च जगद्धात्रि प्रसीद हरवत्छभे।
प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम् ॥
जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम् ।
करालां विकटां घोरां मुण्डमालाविभूषिताम् ॥
हरा्यितां हराराध्यां नमामि हरवक्छभाम् ।
गौरीं गुरूप्रियां गौरवर्णालङ्कारभूषिताम् ॥
हरिप्रियं महामायां नमामि ब्रह्मपूजिताम् ।
सिद्धां सिद्धेश्वरीं सिद्धविद्याधरगणर्युताम् ॥
मन्त्रसिद्धिप्रदां योनिसिद्धिदां लिङ्कशोभिताम् ।
प्रणमामि महामायां दुर्गा दुर्गतिनाशिनीम् ॥
उग्रामुग्रमयीमुग्रतारासुग्रगणर्युताम् .
नीलां नीलघनश्यामां नमामि नीलसुन्दरीम् ॥
श्यामाड़ीं श्यामघटितां श्यामवर्णविभूषिताम् ।
प्रणमामि जगद्धात्रीं गौरीं सर्वार्थसाधिनीम् ॥
विश्वेश्वीं महाघोरां विकटां घोरनादिनीम् ।
आआद्यामाद्यगुरोराद्यामाद्यनाथप्रपूलिताम् ॥
श्री दुर्गां धनदामन्नपूर्णां पद्मां सुरेश्वरीम् ।
प्रणमामि जगद्धात्रीं चन्द्ररोररवह्छभाम् ॥
त्रिपुरां सुन्दरीं बालामबलागणभूषिताम् ।
शिवदूतीं शिवाराध्यां शिवध्येयां सनातनीम् ॥
सुन्दरीं तारिणीं सर्वशिवागणविभूषिताम् ।
नारायणीं विष्णुपूज्यां ब्रह्यविष्णुहरप्रियाम् ॥
सर्वसिद्धिप्रदां नित्यामनित्यां गुणवजिताम् ।
सगुणां निर्गुणां ध्येयामर्चितां सर्वसिदचिदाम् ॥
विद्यां सिद्धिप्रदां विद्यां महाविद्यां महेश्वरीम् ।
महेशभक्तां माहेशीं महाकालप्रपूजिताम् ॥
प्रणमामि जगद्धात्रीं शुम्भासुरविमर्दिनीम् ।
रक्तप्रियां रक्तवर्णां रक्तबीजविमर्दिनीम् ॥
भैरवीं भुवनां देवीं लोलजिह्लां सुरेश्वरीम् ।
चतुर्भुजां दशभुजामष्टादशभुजां शुभाम् ॥
त्रिपुरेशी विश्वनाथप्रियां विश्वेश्वरीं शिवाम् ।
अद्डहासामट्डहास प्रियां धूप्रविनाशिनीम् ॥
कमलां छिलन्नभालाह्न मातंगीं सुरसुन्दरीम् ।
षोडशीं विजयां भीमां धूमाञ् वगलापमुखीम् ॥
सर्वसिद्धिप्रदां सर्वविद्यामन्त्रविशोधिनीम् ।
प्रणमामि जगत्तारां साराद्छ मन्त्रसिन्दधये॥
इत्येव वरारोहे, स्तोत्रं सिद्धिकरं परम् ।
पठित्वा मोश्चमाप्नोति सत्यं वै गिरिनन्दिनि ॥
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Durga Saptashati Siddha Samput Mantra (दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र)
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra देवी दुर्गा की "Divine Power" और "Cosmic Energy" का आह्वान करता है, जो "Supreme Goddess" और "Protector of the Universe" के रूप में पूजा जाती हैं। यह मंत्र विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के "Sacred Protection" और "Victory over Evil" के रूप में प्रभावी होता है। इस मंत्र का जाप "Goddess Durga Prayer" और "Spiritual Protection Mantra" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित पाठ से जीवन में "Positive Energy" का संचार होता है और व्यक्ति को "Divine Blessings" मिलती हैं। Durga Saptashati Siddha Samput Mantra का पाठ "Victory Prayer" और "Blessings for Prosperity" के रूप में किया जाता है। यह मंत्र मानसिक शांति, आत्मिक बल और "Inner Peace" को बढ़ाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को "Divine Protection" और "Spiritual Awakening" प्राप्त होती है। इस मंत्र से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।MahaMantra
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 10 Chapter (दसवाँ अध्याय)
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Eighteen Shaktipeeth Stotram (अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्)
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Durga Suktam (दुर्गा सूक्तम्)
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Durga Saptashati (दुर्गासप्तशती) 1 chapter (पहला अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठके नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का पहला अध्याय "मधु और कैटभ का वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Navratri Navdurga Puja Mantra (नवरात्रि नवदुर्गा पूजा मंत्र)
नवरात्रि में Navdurga Puja के दौरान Maa Durga के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। हर दिन एक विशेष Goddess Durga का Mantra जपने से शक्ति और समृद्धि मिलती है। Shakti Puja करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और Positive Energy बढ़ती है। Durga Chalisa और Navratri Bhajan का पाठ भक्तों को Spiritual Growth देता है। इस दौरान Hindu Festival में व्रत रखकर Divine Blessings प्राप्त की जाती हैं। नवरात्रि में Maa Durga Aarti और Jagran से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।MahaMantra