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Shiva Mantra: शिव जी के इन मंत्रों का रोजाना करें जाप
Shiv Ji Mantra (शिव जी मंत्र)
शिव मंत्र सनातन धर्म में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक भगवान शिव की आराधाना करते हैं उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में यदि आप रोजाना इस शिव मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है।Shiv Ji Mantra (शिव जी मंत्र)
1. शिव पञ्चाक्षर मन्त्र (Shiva Panchakshar mantra): -
ॐ नमः शिवाय
2. महामृत्युंजय मन्त्र (Mahamrityunjaya mantra): -
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगंधीम पुष्टिर्वधनं,
उर्वारुकमिव बन्धनान, मृत्योर्मुक्षीय मामर्तात
3. महामृत्युंजय बीज मन्त्र (Mahamrityunjaya Beej mantra): -
ॐ हौं जूं सः
4. महामृत्युंजय लोम विलोम मन्त्र (Mahamrityunjaya Lom-Vilom Spell): -
ॐ हौं जूं सः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगंधीम पुष्टिर्वधनं,
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामर्तात सः जूं हौं ॐ
5. मृत्युंजय तन्त्र मंत्र (Mrityunjaya Mantra): -
ॐ जूं सः वोषट्
6. मृत्युंजय रक्षा मंत्र (Mritunjay Protection Mantra): -
ॐ ह्रों जूं सः अमुकं जीवय जीवय पालय पालय सः जूं ह्रों ॐ
7. मृत्युंजय मंत्र (Mritunjaya Mantra): -
ॐ मृत्युंजयाय रुद्राय नीलकण्ठाय शम्भवे अमृतेशाय शर्वाय महादेवाय ते नमः
8. शिव गायत्री (Shiva Gayatri): -
ॐ तत्पुरुषाय विध्महे,
महादेवाय धीमहि,
तन्नो रुद्रा प्रचोदयात्
9. रूद्र मंत्र (Rudra mantra): -
ॐ नमो भगवते रूद्राय
10. शिव नमस्कार मंत्र (Shiv Namaskaar Mantra): -
ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं,
वन्दे जगत्कारणम् वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं,
वन्दे पशूनां पतिम् वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं,
वन्दे मुकुन्दप्रियम् वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं,
वन्दे शिवंशंकरम्
11. द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र (Dawadash Jyotirling Chant): -
सौराष्ट्र सोमनाथं च,
श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् उज्जयिन्यां महाकालं
ॐ कारममलेश्वरम् परल्यां वैधनाथ च,
डाकिन्यां भीमशंकरम् सेतुबन्धे तु रामेशं,
नागेशं दारुकावने वाराणस्यां तु विश्वेशं,
त्र्यंबकं गौतमीतटे हिमालये तु केदारं,
धुश्मेशं च शिवालये ऐतानि ज्योतिर्लिंगानि,
सायंप्रात पठेन्नर सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति
12. ज्योतिर्लिंग नमस्कार मंत्र (Jyotirling Namaskaar Mantra): -
ॐ द्वादशज्योर्तिलिंगायै नमः
13. शिव रक्षण मन्त्र (Shiv Rakshan Mantra): -
ॐ अघोरेभ्यो घोर घोर तरेभ्य स्वाहा
14. शिव लिङ्ग वन्दना (Shiv Ling Vandana): -
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्ङ्गम कामदहम करुणाकर लिङ्ङ्गम,
रावणदर्पविनाशनलिङ्गम तत प्रणमामि सदाशिव लिङ्गम
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Mahamrityunjaya Mantra (संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र)
महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख Rigveda से लेकर Yajurveda तक में मिलता है। वहीं Shiv Puran सहित अन्य scriptures में भी इसका importance बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो death को जीतने वाला हो। इसलिए Lord Shiva की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का chanting किया जाता है। इसके chanting से संसार के सभी sufferings से liberation मिलती है। ये मंत्र life-giving है। इससे vitality तो बढ़ती ही है साथ ही positivity बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के effect से हर तरह का fear और tension खत्म हो जाती है। Shiv Puran में उल्लेख किए गए इस मंत्र के chanting से आदि शंकराचार्य को भी life की प्राप्ति हुई थी।Mantra
Shri Shivaparadha Kshamapana Stotra
शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और आराधना के दौरान हुई त्रुटियों और अपराधों की क्षमा के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव के प्रति किए गए आध्यात्मिक दोष और उपासना में हुई गल्तियों के लिए माँगने के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र के माध्यम से भक्त अपने गलत कार्यों को सुधारने और भगवान शिव के अद्वितीय और अचूक कृपा से जुड़ने का प्रयास करते हैं। इस स्तोत्र का उच्चारण भगवान शिव की उपासना के बाद करना चाहिए, ताकि आत्मा को शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सके। इसका नियमित अभ्यास करने से साधक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की दिव्य कृपा और माता दुर्गा की शक्तियों के साथ साधक को जोड़े रखता है।Stotra
Sarvrup Bhagwan Arti (सर्वरूप भगवान् आरती)
सर्वरूप भगवान की आरती में भगवान के सभी रूपों की आराधना और वंदना की जाती है। यह आरती भगवान को उनकी सर्वशक्तिमानता, कृपा, और संपूर्णता के लिए समर्पित है। Sarvaroop Bhagwan Aarti में ईश्वर को उनके सृष्टि रचयिता, पालनहार, और संहारक रूपों के लिए पूजा जाता है। यह आरती गाने से भक्तों को आध्यात्मिक बल, शांति, और धार्मिक उत्थान की प्राप्ति होती है।Arti
Kashi Vishwanathashtakam (काशी विश्वनाथाष्टकम्)
Kashi Vishwanath Ashtakam भगवान शिव के काशी स्थित विश्वनाथ रूप की महिमा का वर्णन करता है, जिन्हें "Lord of the Universe" और "Supreme Divine Protector" माना जाता है। यह स्तोत्र काशी, जो "Spiritual Capital" और "Sacred City of Lord Shiva" के रूप में प्रसिद्ध है, उसकी महिमा और शक्ति को प्रणाम करता है। Kashi Vishwanath Ashtakam का पाठ "Shiva Devotional Chant" और "Divine Blessings Hymn" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित जाप से व्यक्ति को "Spiritual Awakening" और "Inner Peace" प्राप्त होती है। यह स्तोत्र "Blessings of Lord Shiva" और "Cosmic Energy Prayer" के रूप में प्रभावी है। इसका जाप करने से जीवन में "Spiritual Protection" और "Positive Energy" का प्रवाह होता है। Kashi Vishwanath Ashtakam को "Divine Shiva Prayer" और "Blessings for Prosperity" के रूप में पढ़ने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। काशी विश्वनाथ की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मिक संतुलन आता है।Ashtakam
Belapatr Belapatr Chadhaane ka Mantra (बेलपत्र बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र)
Belapatr Chadhaane ka Mantra भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो "Lord of the Universe" और "Supreme Divine Being" के रूप में पूजित हैं। बेलपत्र, जो शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं, उनके "Divine Power" और "Cosmic Energy" का प्रतीक माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के "Grace and Blessings" को आकर्षित करता है, जो जीवन में "Positive Energy" और "Cosmic Protection" का संचार करते हैं। इसका नियमित जाप करने से मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और "Victory over Obstacles" मिलती है। Belapatr Chadhaane ka Mantra को "Shiva's Blessings Chant" और "Sacred Prayer for Prosperity" के रूप में भी माना जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार के संकट और रुकावटों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली "Divine Shield" का कार्य करता है। यह पूजा "Spiritual Awakening" और "Divine Guidance" के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। शिवजी के इस मंत्र का जाप करके भक्त उनके "Divine Protection" और "Cosmic Peace" को अनुभव करते हैं।Mantra
Shri Maha Mrityunjay Kavach (श्री महा मृत्युञ्जय कवच)
महा मृत्युञ्जय कवच का पाठ करने से जपकर्ता की देह सुरक्षित होती है। जिस प्रकार सैनिक की रक्षा उसके द्वारा पहना गया कवच करता है उसी प्रकार साधक की रक्षा यह कवच करता है। इस कवच को लिखकर गले में धारण करने से शत्रु परास्त होता है। इसका प्रातः, दोपहर व सायं तीनों काल में जप करने से सभी सुख प्राप्त होते हैं। इसके धारण मात्र से किसी शत्रु द्वारा कराए गए तांत्रिक अभिचारों का अंत हो जाता है। धन के इच्छुक को धन, संतान के इच्छुक को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।Kavacha
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युञ्जय स्तोत्रम्)
Shri Mrityunjaya Stotram (श्री मृत्युंजय स्तोत्रम्): श्री मृत्युंजय स्तोत्र (Shri Mrityunjay Stotra) को सबसे प्राचीन वेदों (Vedas) में से एक माना जाता है। महा मृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) गंभीर बीमारियों (serious ailments) से छुटकारा दिलाने में सहायक माना जाता है। यह मंत्र ऋग्वेद (Rig Veda) से लिया गया है और भगवान शिव (Lord Shiva) के रुद्र अवतार (Rudra Avatar) को संबोधित करता है। इस मंत्र का नियमित जप (regular chanting) न केवल आयु (longevity) बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि पारिवारिक कलह (familial discord), संपत्ति विवाद (property disputes), और वैवाहिक तनाव (marital stress) को भी सुलझाने में सहायक होता है। श्री मृत्युंजय स्तोत्र में अद्भुत उपचारात्मक शक्तियां (healing powers) हैं। यह हिंदुओं की सबसे आध्यात्मिक साधना (spiritual pursuit) मानी जाती है। भगवान शिव को सत्य (truth) और परमात्मा (Transcendent Lord) माना गया है। शिव के अनुयायियों का विश्वास है कि वे स्वयंभू (Swayambho) हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना सरल है और वे अपने भक्तों (devotees) को आसानी से वरदान (boons) प्रदान करते हैं। धन (wealth), स्वास्थ्य (health), सुख (happiness), या समृद्धि (prosperity) से संबंधित कोई भी इच्छा, शिव पूरी करते हैं और भक्तों को कष्टों (sufferings) से मुक्त करते हैं। इसका उल्लेख शिव पुराण (Shiva Purana) में दो कहानियों के रूप में मिलता है। पहली कहानी के अनुसार, यह मंत्र केवल ऋषि मार्कंडेय (Rishi Markandeya) को ज्ञात था, जिन्हें स्वयं भगवान शिव ने यह मंत्र प्रदान किया था। आज के युग में शिव की पूजा (worship) का सही तरीका क्या है? सतयुग (Satyug) में मूर्ति पूजा (idol worship) प्रभावी थी, लेकिन कलयुग (Kalyug) में केवल मूर्ति के सामने प्रार्थना करना पर्याप्त नहीं है। भविषय पुराणों (Bhavishya Puranas) में भी इस बात का उल्लेख है कि सुख (happiness) और मन की शांति (peace of mind) के लिए मंत्र जप (chanting) का महत्व है। महा मृत्युंजय मंत्र का दैनिक जप (daily chanting) व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य (good health), धन (wealth), समृद्धि (prosperity) और दीर्घायु (long life) प्रदान करता है। यह सकारात्मक ऊर्जा (positive vibes) उत्पन्न करता है और विपत्तियों (calamities) से रक्षा करता है।Stotra
Sharabheshashtakam (शरभेशाष्टकम्)
शरभेशाष्टकम् भगवान शरभेश्वर को समर्पित एक भजन है, जो उनकी अनंत महिमा और शक्तियों का वर्णन करता है।Ashtakam