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Shiv Ashtakam Stotra: शिवाष्टकम् स्तोत्र | 8 Powerful Verses for Shiva Devotees
Shiv Ashtakam Stotra (शिवाष्टकम्)
शिवाष्टकम् भगवान शिव की महिमा और शक्ति का वर्णन करने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और स्तुति करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है, और एक बार प्रसन्न होने पर वह अपने भक्तों से सभी कष्टों और विपत्तियों को नष्ट कर देते हैं। शिवाष्टकम् का उच्चारण करने से भक्त को भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त होती है, जिससे वे अपने अस्तित्व को समझ पाते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। भगवान शिव वह दिव्य शक्ति हैं जो किसी भी परिस्थिति का मार्ग बदल सकते हैं और जो सब कुछ का नियंत्रण करते हैं। वह सभी स्थानों में विद्यमान हैं—सूर्य, चंद्रमा, वायु, यज्ञों में और हर एक तत्व में। सभी वेद और संत भगवान शिव की पूजा करते हैं, क्योंकि वह शुद्धता और धर्म का परम स्वरूप हैं। उनका अस्तित्व समग्र सृष्टि में व्याप्त है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता और शांति प्राप्त होती है।शिवाष्टकम्
तस्मै नमः परमकारणकारणाय दीप्तोज्ज्वलज्ज्वलितपिङ्गललोचनाय ।
नागेन्द्रहारकृतकुण्डल भूषणाय ब्रह्मेन्द्रविष्णुवरदाय नमः शिवाय ॥ १ ॥
श्रीमत्प्रसन्नशशिपन्नगभूषणाय शैलेन्द्रजावदनचुम्बितलोचनाय ।
कैलासमन्दरमहेन्द्रनिकेतनाय लोकत्रयार्तिहरणाय नमः शिवाय ॥ २ ॥
पद्मावदातमणिकुण्डलगोवृषाय कृष्णागरुप्रचुरचन्दनचर्चिताय ।
भस्मानुषक्तविकचोत्पलमल्लिकाय नीलाब्जकण्ठसदृशाय नमः शिवाय ॥ ३ ॥
लम्बत्सपिङ्गलजटामुकुटोत्कटाय दंष्ट्राकरालविकटोत्कटभैरवाय ।
व्याघ्राजिनाम्बरधराय मनोहराय त्रैलोक्यनाथनमिताय नमः शिवाय ॥ ४ ॥
दक्षप्रजापतिमहामखनाशनाय क्षिप्रं महात्रिपुरदानवघातनाय ।
ब्रह्मोर्जितोर्ध्वगकरोटिनिकृन्तनाय योगाय योगनमिताय नमः शिवाय ॥ ५ ॥
संसारसृष्टिघटनापरिवर्तनाय रक्षः पिशाचगणसिद्धसमाकुलाय ।
सिद्धोरगग्रहगणेन्द्रनिषेविताय शार्दूलचर्मवसनाय नमः शिवाय ॥ ६ ॥
भस्माङ्गरागकृतरूपमनोहराय सौम्यावदातवनमाश्रितमाश्रिताय ।
गौरीकटाक्षनयनार्धनिरीक्षणाय गोक्षीरधारधवलाय नमः शिवाय ॥ ७ ॥
आदित्यसोमवरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय ।
ऋक्सामवेदमुनिभिः स्तुतिसंयुताय गोपाय गोपनमिताय नमः शिवाय II८॥
शिवाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥ ९ ॥
इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं शिवाष्टकं सम्पूर्णम् ।
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Mahamrityunjaya Mantra (संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र)
महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख Rigveda से लेकर Yajurveda तक में मिलता है। वहीं Shiv Puran सहित अन्य scriptures में भी इसका importance बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो death को जीतने वाला हो। इसलिए Lord Shiva की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का chanting किया जाता है। इसके chanting से संसार के सभी sufferings से liberation मिलती है। ये मंत्र life-giving है। इससे vitality तो बढ़ती ही है साथ ही positivity बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के effect से हर तरह का fear और tension खत्म हो जाती है। Shiv Puran में उल्लेख किए गए इस मंत्र के chanting से आदि शंकराचार्य को भी life की प्राप्ति हुई थी।Mantra
Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)
श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।Sukti
Shri Shiva Mangalashtakam (श्री शिव मंगलाष्टकम्)
Shiva Mangalashtak एक Auspicious Stotra है जिसे Lord Shiva Worship के अंत में तब पढ़ा जाता है जब कोई भक्त कई Sacred Hymns का पाठ कर रहा होता है। Shiva Mangalashtak Chanting तब भी किया जाता है जब कई Devotional Songs गाए जा रहे हों या फिर कोई Auspicious Ceremony या Religious Rituals संपन्न हो रहे हों। Mangal Stotra में भक्त मूल रूप से Lord Shiva से Blessings for Prosperity and Well-being की कामना कर रहा होता है। Mangalam का अर्थ "Good Wishes" या "Prayers for a Positive Outcome" भी होता है।Ashtakam
Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Bhagwan Shri Shankar Arti (भगवान् श्री शंकर की आरती )
जयति जयति जग-निवास भगवान शंकर की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Shankar या Shiva, जिन्हें Lord of the Universe कहा जाता है, के प्रति असीम भक्ति और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।Arti
Shiv Ji Mantra (शिव जी मंत्र)
शिव मंत्र सनातन धर्म में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक भगवान शिव की आराधाना करते हैं उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में यदि आप रोजाना इस शिव मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है।Mantra
Shri Kashi Vishwanath Stotram (श्री काशी विश्वनाथ स्तोत्रम्)
Shri Kashi Vishwanath Stotram भगवान Lord Shiva के काशी स्थित Vishwanath Temple में पूजा करने का एक महत्वपूर्ण Hindu Stotra है। यह Sacred Hymn भक्तों को Spiritual Enlightenment और Divine Blessings प्रदान करता है। इस स्तोत्र का Recitation करने से जीवन में Peace, Prosperity, and Protection मिलती है। Lord Vishwanath Worship से Negative Energy का नाश होता है और Positive Transformation होती है। काशी में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को Moksha की प्राप्ति होती है। यह Auspicious Stotra भक्तों को Spiritual Awakening और जीवन में Divine Grace प्रदान करता है।Stotra
Uma Maheshwar Stotram (उमा महेश्वर स्तोत्रम्)
उमा महेश्वर स्तोत्रम् भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त महिमा का वर्णन करता है। इसमें उमा (पार्वती) और महेश्वर (शिव) के दिव्य स्वरूप, उनकी करूणा, और उनकी शक्ति की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र दर्शाता है कि शिव और शक्ति का मिलन सृष्टि के संतुलन और हर जीव के कल्याण का आधार है। कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले इस दिव्य युगल का स्मरण जीवन के संकटों को दूर करता है और भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करता है। यह स्तोत्र कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की पूजाओं में विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। शिव और पार्वती के इस अद्वितीय स्वरूप की आराधना से जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और सांसारिक सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।Stotra