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Narayaniyam Dashaka 48 (नारायणीयं दशक 48)
नारायणीयं दशक 48 (Narayaniyam Dashaka 48)
मुदा सुरौघैस्त्वमुदारसम्मदै-
रुदीर्य दामोदर इत्यभिष्टुतः ।
मृदुदरः स्वैरमुलूखले लग-
न्नदूरतो द्वौ ककुभावुदैक्षथाः ॥1॥
कुबेरसूनुर्नलकूबराभिधः
परो मणिग्रीव इति प्रथां गतः ।
महेशसेवाधिगतश्रियोन्मदौ
चिरं किल त्वद्विमुखावखेलताम् ॥2॥
सुरापगायां किल तौ मदोत्कटौ
सुरापगायद्बहुयौवतावृतौ ।
विवाससौ केलिपरौ स नारदो
भवत्पदैकप्रवणो निरैक्षत ॥3॥
भिया प्रियालोकमुपात्तवाससं
पुरो निरीक्ष्यापि मदांधचेतसौ ।
इमौ भवद्भक्त्युपशांतिसिद्धये
मुनिर्जगौ शांतिमृते कुतः सुखम् ॥4॥
युवामवाप्तौ ककुभात्मतां चिरं
हरिं निरीक्ष्याथ पदं स्वमाप्नुतम् ।
इतीरेतौ तौ भवदीक्षणस्पृहां
गतौ व्रजांते ककुभौ बभूवतुः ॥5॥
अतंद्रमिंद्रद्रुयुगं तथाविधं
समेयुषा मंथरगामिना त्वया ।
तिरायितोलूखलरोधनिर्धुतौ
चिराय जीर्णौ परिपातितौ तरू ॥6॥
अभाजि शाखिद्वितयं यदा त्वया
तदैव तद्गर्भतलान्निरेयुषा ।
महात्विषा यक्षयुगेन तत्क्षणा-
दभाजि गोविंद भवानपि स्तवैः ॥7॥
इहान्यभक्तोऽपि समेष्यति क्रमात्
भवंतमेतौ खलु रुद्रसेवकौ ।
मुनिप्रसादाद्भव्दंघ्रिमागतौ
गतौ वृणानौ खलु भक्तिमुत्तमाम् ॥8॥
ततस्तरूद्दारणदारुणारव-
प्रकंपिसंपातिनि गोपमंडले ।
विलज्जितत्वज्जननीमुखेक्षिणा
व्यमोक्षि नंदेन भवान् विमोक्षदः ॥9॥
महीरुहोर्मध्यगतो बतार्भको
हरेः प्रभावादपरिक्षतोऽधुना ।
इति ब्रुवाणैर्गमितो गृहं भवान्
मरुत्पुराधीश्वर पाहि मां गदात् ॥10॥
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Hari Sharan Ashtakam (हरि शरण अष्टकम): हरी शरण अष्टकम Lord Hari या Mahavishnu को समर्पित एक Ashtakam है। Mahabharata के Vishnu Sahasranama Stotra में "Hari" नाम Vishnu का 650वां नाम है। संस्कृत शब्द 'Sharanam' का अर्थ है Shelter। यह मंत्र हमें Hari's Shelter में लाने की प्रार्थना करता है, जो Place of Refuge है। Hari's Protection का आशीर्वाद सभी Anxieties को दूर कर देता है। Hari Sharan Ashtakam Stotra Prahlad द्वारा Lord Hari की Praise में रचित और गाया गया था। यह प्रार्थना Vishnu को Hari के रूप में समर्पित है। Hari का अर्थ है वह जो आपको True Path दिखाते हैं और उस Illusion (Maya) को दूर करते हैं जिसमें आप जी रहे हैं। यदि इस Stotra का सच्चे मन और Devotion के साथ पाठ किया जाए, तो यह व्यक्ति को Moksha (Ultimate Liberation) के मार्ग पर स्थापित कर सकता है। Hari Vedas, Guru Granth Sahib, और South Asian Sacred Texts में Supreme Absolute का एक नाम है। Rigveda's Purusha Suktam (जो Supreme Cosmic Being की Praise करता है), में Hari God (Brahman) का पहला और सबसे महत्वपूर्ण नाम है। Yajurveda's Narayan Suktam के अनुसार, Hari और Purusha के बाद Supreme Being का वैकल्पिक नाम Narayan है। Hindu Tradition में, Hari और Vishnu को एक-दूसरे के समान माना जाता है। Vedas में, किसी भी Recitation के पहले "Hari Om" Mantra का उच्चारण करने का नियम है, ताकि यह घोषित किया जा सके कि हर Ritual उस Supreme Divine को समर्पित है, भले ही वह किसी भी Demi-God की Praise क्यों न हो। Hinduism में, किसी भी God's Praise Song को "Hari Kirtan" कहा जाता है और Storytelling को "Hari Katha" के रूप में जाना जाता है।Ashtakam