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Uma Maheshwar Stotram || उमा महेश्वर स्तोत्रम् : Benefits, Lyrics with meaning in Hindi
Uma Maheshwar Stotram (उमा महेश्वर स्तोत्रम्)
उमा महेश्वर स्तोत्रम् भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त महिमा का वर्णन करता है। इसमें उमा (पार्वती) और महेश्वर (शिव) के दिव्य स्वरूप, उनकी करूणा, और उनकी शक्ति की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र दर्शाता है कि शिव और शक्ति का मिलन सृष्टि के संतुलन और हर जीव के कल्याण का आधार है। कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले इस दिव्य युगल का स्मरण जीवन के संकटों को दूर करता है और भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि प्रदान करता है। यह स्तोत्र कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की पूजाओं में विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। शिव और पार्वती के इस अद्वितीय स्वरूप की आराधना से जीवन में आध्यात्मिक संतुलन और सांसारिक सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।उमा महेश्वर स्तोत्रम्
(Uma Maheshwar Stotram)
नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् ।
नगेंद्रकन्यावृषकेतनाभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 1 ॥
नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यां
नमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् ।
नारायणेनार्चितपादुकाभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 2 ॥
नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
विरिंचिविष्ण्विंद्रसुपूजिताभ्याम् ।
विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 3 ॥
नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यां
जगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् ।
जंभारिमुख्यैरभिवंदिताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 4 ॥
नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्यां
पंचाक्षरीपंजररंजिताभ्याम् ।
प्रपंचसृष्टिस्थितिसंहृताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 5 ॥
नमः शिवाभ्यामतिसुंदराभ्यां
अत्यंतमासक्तहृदंबुजाभ्याम् ।
अशेषलोकैकहितंकराभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 6 ॥
नमः शिवाभ्यां कलिनाशनाभ्यां
कंकालकल्याणवपुर्धराभ्याम् ।
कैलासशैलस्थितदेवताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 7 ॥
नमः शिवाभ्यामशुभापहाभ्यां
अशेषलोकैकविशेषिताभ्याम् ।
अकुंठिताभ्यां स्मृतिसंभृताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 8 ॥
नमः शिवाभ्यां रथवाहनाभ्यां
रवींदुवैश्वानरलोचनाभ्याम् ।
राकाशशांकाभमुखांबुजाभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 9 ॥
नमः शिवाभ्यां जटिलंधराभ्यां
जरामृतिभ्यां च विवर्जिताभ्याम् ।
जनार्दनाब्जोद्भवपूजिताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 10 ॥
नमः शिवाभ्यां विषमेक्षणाभ्यां
बिल्वच्छदामल्लिकदामभृद्भ्याम् ।
शोभावतीशांतवतीश्वराभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 11 ॥
नमः शिवाभ्यां पशुपालकाभ्यां
जगत्रयीरक्षणबद्धहृद्भ्याम् ।
समस्तदेवासुरपूजिताभ्यां
नमो नमः शंकरपार्वतीभ्याम् ॥ 12 ॥
स्तोत्रं त्रिसंध्यं शिवपार्वतीभ्यां
भक्त्या पठेद्द्वादशकं नरो यः ।
स सर्वसौभाग्यफलानि
भुंक्ते शतायुरांते शिवलोकमेति ॥ 13 ॥
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Shri Rudrashtakam Stotra (श्रीरुद्राष्टकम्)
सनातन धर्म में भगवान शिव शंकर को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि शिव जी आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। यदि आप शिव जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं 'श्री शिव रूद्राष्टकम' का पाठ करना चाहिए। 'शिव रुद्राष्टकम' अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से शिव जी बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश पल भर में करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था।Stotra
Shiv Dhyaan Mantra (शिव ध्यान मंत्र)
Shiv Dhyaan Mantra का जाप करने से inner peace, spiritual awakening, और positive energy प्राप्त होती है। Lord Shiva, जिन्हें Mahadev, Bholenath, और Adi Yogi कहा जाता है, उनकी उपासना से negative energy removal, stress relief, और mental clarity मिलती है। Om Namah Shivaya, Mahamrityunjaya Mantra, और Shiva Panchakshari Mantra जैसे powerful Shiv Mantra का जाप करने से good health, success in career, और protection from evil प्राप्त होता है। विशेष रूप से Mahashivratri, Sawan Somvar, Pradosh Vrat, Shravan Maas, और Masik Shivratri पर इन मंत्रों का जाप करने से divine blessings, happiness, और prosperity मिलती है।Dhayan-Mantra
Mahamrityunjaya Stotram (महामृत्युञ्जयस्तोत्रम्)
महामृत्युञ्जय स्तोत्रम् भगवान शिव की स्तुति में रचित एक प्रार्थना है, जो मृत्यु और भय से मुक्ति दिलाने के लिए गाई जाती है।Stotra
Nirvana Shatkam (निर्वाण षट्कम्)
निर्वाण षट्कम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक श्लोक है, जो आत्मा के शुद्ध स्वरूप और मोक्ष के विषय में जागरूकता लाता है।Shatakam
Mahamrityunjaya Mantra (संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र)
महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख Rigveda से लेकर Yajurveda तक में मिलता है। वहीं Shiv Puran सहित अन्य scriptures में भी इसका importance बताया गया है। संस्कृत में महामृत्युंजय उस व्यक्ति को कहते हैं जो death को जीतने वाला हो। इसलिए Lord Shiva की स्तुति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का chanting किया जाता है। इसके chanting से संसार के सभी sufferings से liberation मिलती है। ये मंत्र life-giving है। इससे vitality तो बढ़ती ही है साथ ही positivity बढ़ती है। महामृत्युंजय मंत्र के effect से हर तरह का fear और tension खत्म हो जाती है। Shiv Puran में उल्लेख किए गए इस मंत्र के chanting से आदि शंकराचार्य को भी life की प्राप्ति हुई थी।Mantra
Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Bhagwan Shri Shivshankar Arti (भगवान् श्री शिवशंकर की आरती)
भगवान महादेव की आरती भगवान शिव की स्तुति में गाया जाने वाला एक भक्तिपूर्ण गीत है। इस आरती के माध्यम से भक्त Lord Shiva से आशीर्वाद, दुखों का नाश, और मोक्ष की कामना करते हैं।Arti
Brahmand Vijay Shri Shiva Kavacham (ब्रह्माण्डविजय श्री शिव कवचम्)
Shiva Kavach (शिव कवच) एक परम अद्भुत और ब्रह्माण्डविजय कवच है, जिसकी दस लाख जप से ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है। यदि यह कवच सिद्ध हो जाए, तो साधक निश्चय ही रुद्र-तुल्य हो जाता है। यह काण्वशाखोक्त कवच अत्यंत गोपनीय और परम दुर्लभ है। सहस्रों Ashwamedha Yagya और सैकड़ों Rajasuya Yagya भी इस कवच की सोलहवीं कला के समान नहीं हो सकते। इस Shiva Kavach की कृपा से साधक Jeevanmukt, Sarvagya, Samppurna Siddhiyon Ka Swami और Man Ke Saman Vegshali हो जाता है। जो इस Shiva Kavach को बिना जाने Bhagwan Shankar का Bhajan करता है, उसे Ek Crore Jap करने पर भी Mantra Siddhi प्राप्त नहीं होती। अतः जो भी Shiva Bhakt जीवन में Victory, Power, Protection और Spiritual Growth चाहता है, उसे Shiva Kavach का विधिपूर्वक Jap और Sadhna करनी चाहिए।Kavacha