No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Tripurasundari Ashtakam || त्रिपुरसुंदरी अष्टकम : With Full Lyrics in Sanskrit by Adi Shankaracharya
Tripurasundari Ashtakam (त्रिपुरसुंदरी अष्टकम)
Tripurasundari Ashtakam (त्रिपुरासुंदरी अष्टकम्) माँ Tripurasundari को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। माँ Tripurasundari, जिन्हें Lalita Devi, Shodashi और Srividya के रूप में भी जाना जाता है, समस्त सौंदर्य, ज्ञान और दिव्यता की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस अष्टकम के नियमित पाठ से साधक को आध्यात्मिक उन्नति, विजय, सौंदर्य, ऐश्वर्य और सर्वसिद्धि प्राप्त होती है। माँ Tripurasundari की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति तथा सुख की प्राप्ति होती है। यदि कोई साधक जीवन में सौंदर्य, समृद्धि, आध्यात्मिक जागरण और शक्ति चाहता है, तो उसे माँ Tripurasundari की उपासना कर इस Tripurasundari Ashtakam का नित्य पाठ अवश्य करना चाहिए।|| त्रिपुरसुंदरी अष्टकम ||
(Tripurasundari Ashtakam)
कदम्बवनचारिणीं मुनिकदम्बकादम्बिनीं
नितम्बजितभूधरां सुरनितम्बिनीसेविताम्।
नवाम्बुरुहलोचनामभिनवाम्बुदश्यामलां
त्रिलोचनकुटुम्बिनीं त्रिपुरसुन्दरीमाश्रये।
कदम्बवनवासिनीं कनकवल्लकीधारिणीं
महार्हमणिहारिणीं मुखसमुल्लसद्वारुणीम्।
दयाविभवकारिणीं विशदरोचनाचारिणीं
त्रिलोचनकुटुम्बिनीं त्रिपुरसुन्दरीमाश्रये।
कदम्बवनशालया कुचभरोल्लसन्मालया
कुचोपमितशैलया गुरुकृपलसद्वेलया।
मदारुणकपोलया मधुरगीतवाचालया
कयापि घनलीलया कवचिता वयं लीलया।
कदम्बवनमध्यगां कनकमण्डलोपस्थितां
षडम्बुरुवासिनीं सततसिद्धसौदामिनीम्।
विडम्बितजपारुचिं विकचचन्द्रचूडामणिं
त्रिलोचनकुटुम्बिनीं त्रिपुरसुन्दरीमाश्रये।
कुचाञ्चितविपञ्चिकां कुटिलकुन्तलालङ्कृतां
कुशेशयनिवासिनीं कुटिलचित्तविद्वेषिणीम्।
मदारुणविलोचनां मनसिजारिसम्मोहिनीं
मतङ्गमुनिकन्यकां मधुरभाषिणीमाश्रये।
स्मरेत्प्रथमपुष्पिणीं रुधिरबिन्दुनीलाम्बरां
गृहीतमधुपात्रिकां मदविघूर्णनेत्राञ्चलाम्।
घनस्तनभरोन्नतां गलितचूलिकां श्यामलां
त्रिलोचनकुटुम्बिनीं त्रिपुरसुन्दरीमाश्रये।
सकुङ्कुमविलेपनामलिकचुम्बिकस्तूरिकां
समन्दहसितेक्षणां सशरचापपाशाङ्कुशाम्।
अशेषजनमोहिनीमरुणमाल्यभूषाम्बरां
जपाकुसुरभासुरां जपविधौ स्मराम्यम्बिकाम्।
पुरन्दरपुरन्ध्रिकां चिकुरबन्धसैरन्ध्रिकां
पितामहपतिव्रतापटुपटीरचर्चारताम्।
मुकुन्दरमणीमणीलसदलङ्क्रियाकारिणीं
भजामि भुवनम्बिकां सुरवधूटिकाचेटिकाम्।
Related to Durga
Shri Durga Stotram by Arjuna (अर्जुन कृत श्री दुर्गा स्तोत्रम्)
अर्जुन कृत श्री दुर्गा स्तोत्रम्: यह स्तोत्र अर्जुन द्वारा देवी दुर्गा की स्तुति में रचा गया है।Stotra
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 5 Chapter(पाँचवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का पांचवां अध्याय " देवी का दूत से संवाद " पर आधारित है ।Durga-Saptashati
Shri Durga Sahasranama Stotram (श्री दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम्)
दुर्गा सहस्रनाम देवी दुर्गा (Goddess Durga) के एक हजार नामों (1000 names) का संग्रह है। दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्र (Durga Sahasranama Stotra) वास्तव में एक ऐसा स्तोत्र (hymn) है, जिसमें देवी की महिमा का गुणगान (eulogizing) किया जाता है और उनके हजार नामों का पाठ (recitation) किया जाता है। नवरात्रि (Navaratri) के पावन अवसर पर, दुर्गा सहस्रनाम का श्रद्धा (devotion) और समर्पण (dedication) के साथ जप करने से देवी की कृपा (blessings) और वरदान (boons) प्राप्त होते हैं। दुर्गा सहस्रनाम में नामों को ऐसे क्रम में लिखा गया है कि कोई नाम दोहराया नहीं गया है। संस्कृत में "दुर्गा" का अर्थ है "जो समझ से परे (incomprehensible) या पहुंचने में कठिन (difficult to reach)" है। देवी दुर्गा शक्ति (Shakti) का ऐसा रूप हैं, जिनकी पूजा उनकी सौम्य (gracious) और उग्र (terrifying) दोनों रूपों में की जाती है। वह ब्रह्मांड (Universe) की माता हैं और अनंत शक्ति (infinite power) का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा का प्रकट होना उनके निराकार स्वरूप (formless essence) से होता है, और ये दोनों स्वरूप अभिन्न (inseparable) हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त देवी दुर्गा (Durga Sahasranama) की प्रार्थना (pray) करते हैं, वे शुरू में बाधाओं (obstacles) का सामना करते हैं, लेकिन समय के साथ, ये बाधाएं सूर्य की गर्मी से पिघलती हुई बर्फ की तरह समाप्त हो जाती हैं। मां दुर्गा सहस्रनाम की कृपा (grace) का वर्णन शब्दों से परे है।Sahasranama-Stotram
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 11 Chapter (ग्यारहवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का एकादश अध्याय "नारायणी की स्तुति" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Shri Durga Ji Arti (श्री दुर्गाजी की आरती)
श्री दुर्गा जी की आरती माँ दुर्गा के शौर्य, शक्ति और करुणा की स्तुति है। इसमें माँ दुर्गा को संसार की रक्षक, संकट हरने वाली, और दुष्टों का नाश करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। आरती में माँ दुर्गा के नवदुर्गा के रूपों, उनके पराक्रम, प्रेम, और आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। Goddess Durga, जिन्हें Mahishasurmardini और Shakti के नाम से जाना जाता है, की यह आरती नवरात्रि और अन्य त्योहारों पर विशेष महत्व रखती है।Arti
Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 8 chapter(आठवाँ अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का अष्टम अध्याय "रक्तबीज वध" पर आधारित है।Durga-Saptashati
Durga Saptashati(दुर्गा सप्तशती) 6 Chapter (छठा अध्याय)
दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन किया गया है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्यम, चंडी पाठ (चण्डीपाठः) के नाम से भी जाना जाता है और इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में व्यवस्थित किया गया है। दुर्गा सप्तशती का छठा अध्याय " धूम्रलोचन के वध " पर आधारित है ।Durga-Saptashati
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra (दुर्गा सप्तशती सिद्ध सम्पुट मंत्र)
Durga Saptashati Siddha Samput Mantra देवी दुर्गा की "Divine Power" और "Cosmic Energy" का आह्वान करता है, जो "Supreme Goddess" और "Protector of the Universe" के रूप में पूजा जाती हैं। यह मंत्र विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के "Sacred Protection" और "Victory over Evil" के रूप में प्रभावी होता है। इस मंत्र का जाप "Goddess Durga Prayer" और "Spiritual Protection Mantra" के रूप में किया जाता है। इसके नियमित पाठ से जीवन में "Positive Energy" का संचार होता है और व्यक्ति को "Divine Blessings" मिलती हैं। Durga Saptashati Siddha Samput Mantra का पाठ "Victory Prayer" और "Blessings for Prosperity" के रूप में किया जाता है। यह मंत्र मानसिक शांति, आत्मिक बल और "Inner Peace" को बढ़ाता है। इसका जाप करने से व्यक्ति को "Divine Protection" और "Spiritual Awakening" प्राप्त होती है। इस मंत्र से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।MahaMantra