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श्रीदेवीजी की आरती || Shri Devi Ji Aarti (आरति कीजै शैल-सुताकी ): Sacred Hymn to Seek Blessings for Strength, Prosperity, and Wisdom
Shri Devi Ji Arti (3) श्री देवीजी की आरती
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आरति कीजै शैल-सुताकी ॥ आरति०॥
जगदंबाकी आरति कीजै।
स्नेह-सुधा, सुख सुन्दर लीजै॥
जिनके नाम लेत दृग भीजै।
ऐसी वह माता वसुधाकी॥ आरति०॥
पाप-विनाशिनि कलि-मल-हारिणि,।
दयामयी, भवसागरतारिणि॥
शस्त्र-धारिणी, शैल-विहारिणि।
बुद्धाशि गणपति माताकी॥ आरति ०॥
सिंहवाहिनी मातु भवानी।
गौरव-गान करैं जगप्रानी॥
शिवके हृदयासनकी रानी।
करैं आरती मिल-जुल ताकी॥ आरति०॥
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