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Devyaaratrikam Stotra: देव्याआरात्रिकम् | Devotional Aarti of Goddess Durga’s Divine Power
Devyaaratrikam Stotra (देव्याआरात्रिकम्)
"देवी आरती" या "देवी आरात्रिकम" हिंदू धर्म में एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें देवी की स्तुति में भजन या स्तुतियां गाई जाती हैं। इसे अक्सर दीपकों को घुमाते हुए संपन्न किया जाता है। आरती हिंदू पूजा का एक सामान्य अनुष्ठान है, जिसे देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य देवी से आशीर्वाद और सुरक्षा की कामना करना है।देव्या आरात्रिकम्
प्रवरातीरनिवासिनि निगमप्रतिपाद्ये पारावारविहारिणि नारायणि हृद्ये ।
प्रपञ्चसारे जगदाधारे श्रीविद्ये प्रपन्नपालननिरते मुनिवृन्दाराध्ये॥१॥
जय देवि जय देवि जय मोहनरूपे मामिह जननि समुद्धर पतितं भवकूपे ।। ध्रुवपदम् ॥
दिव्यसुधाकरवदने कुन्दोज्ज्वलरदने पदनखनिर्जितमदने मधुकैटभकदने ।
विकसितपङ्कजनयने पन्नगपतिशयने खगपतिवहने गहने सङ्कटवनदहने ॥ जय देवि० ॥ २ ॥
मञ्जीराङ्कितचरणे मणिमुक्ताभरणे कञ्चकिवस्त्रावरणे वक्त्राम्बुजधरणे।
शक्रामयभयहरणे भूसुरसुखकरणे करुणां कुरु मे शरणे गजनक्रोद्धरणे ॥ जय देवि० ॥ ३ ॥
छित्त्वा राहुग्रीवां पासि त्वं विबुधान् ददासि मृत्युमनिष्टं पीयूषं विबुधान् ।
विहरसि दानवऋद्धान् समरे संसिद्धान् मध्वमुनीश्वरवरदे पालय संसिद्धान् ।। जय देवि० ॥ ४ ॥
इति देव्या आरात्रिकं समाप्तम् ।
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