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Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram || देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम् : Full Lyrics in Sanskrit
Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram (देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्)
Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram देवी Durga से forgiveness की प्रार्थना करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant भक्तों द्वारा जाने-अनजाने में किए गए mistakes, sins, और omissions के लिए divine mercy मांगता है। इस stotra के पाठ से negative karma समाप्त होता है और spiritual purification होता है। देवी की grace से जीवन में peace, prosperity, और harmony आती है। यह powerful mantra bhakti, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram का जाप positivity और inner peace को बढ़ाने में मदद करता है।देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
(Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram)
अपराधशतं कृत्वा जगदंबेति चोच्चरेत्।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः ॥1॥
सापराधोऽस्मि शरणां प्राप्तस्त्वां जगदंबिके।
इदानीमनुकंप्योऽहं यथेच्छसि तथा कुरु ॥2॥
अज्ञानाद्विस्मृतेभ्रांत्या यन्न्यूनमधिकं कृतं।
तत्सर्व क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरी ॥3॥
कामेश्वरी जगन्माताः सच्चिदानंदविग्रहे।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरी ॥4॥
सर्वरूपमयी देवी सर्वं देवीमयं जगत्।
अतोऽहं विश्वरूपां त्वां नमामि परमेश्वरीं ॥5॥
पूर्णं भवतु तत् सर्वं त्वत्प्रसादान्महेश्वरी
यदत्र पाठे जगदंबिके मया विसर्गबिंद्वक्षरहीनमीरितम्। ॥6॥
तदस्तु संपूर्णतं प्रसादतः संकल्पसिद्धिश्च सदैव जायतां॥7॥
भक्त्याभक्त्यानुपूर्वं प्रसभकृतिवशात् व्यक्तमव्यक्तमंब ॥8॥
तत् सर्वं सांगमास्तां भगवति त्वत्प्रसादात् प्रसीद ॥9॥
प्रसादं कुरु मे देवि दुर्गेदेवि नमोऽस्तुते ॥10॥
॥इति अपराध क्षमापण स्तोत्रं समाप्तं॥
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