No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Shashti Devi Stotram (श्री षष्ठी देवी स्तोत्रम्)
श्री षष्ठी देवी स्तोत्रम्
(Shri Shashti Devi Stotram)
ध्यानम्
श्रीमन्मातरमंबिकां विधिमनोजातां सदाभीष्टदां
स्कंदेष्टां च जगत्प्रसूं विजयदां सत्पुत्र सौभाग्यदाम् ।
सद्रत्नाभरणान्वितां सकरुणां शुभ्रां शुभां सुप्रभां
षष्ठांशां प्रकृतेः परं भगवतीं श्रीदेवसेनां भजे ॥ 1 ॥
षष्ठांशां प्रकृतेः शुद्धां सुप्रतिष्ठां च सुव्रतां
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम् ।
श्वेतचंपकवर्णाभां रक्तभूषणभूषितां
पवित्ररूपां परमं देवसेना परां भजे ॥ 2 ॥
स्तोत्रम्
नमो देव्यै महादेव्यै सिद्ध्यै शांत्यै नमो नमः ।
शुभायै देवसेनायै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 1 ॥
वरदायै पुत्रदायै धनदायै नमो नमः ।
सुखदायै मोक्षदायै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 2 ॥
सृष्ट्यै षष्ठांशरूपायै सिद्धायै च नमो नमः ।
मायायै सिद्धयोगिन्यै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 3 ॥
सारायै शारदायै च परादेव्यै नमो नमः ।
बालाधिष्टातृदेव्यै च षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 4 ॥
कल्याणदायै कल्याण्यै फलदायै च कर्मणाम् ।
प्रत्यक्षायै सर्वभक्तानां षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 5 ॥
पूज्यायै स्कंदकांतायै सर्वेषां सर्वकर्मसु ।
देवरक्षणकारिण्यै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 6 ॥
शुद्धसत्त्वस्वरूपायै वंदितायै नृणां सदा ।
हिंसाक्रोधवर्जितायै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 7 ॥
धनं देहि प्रियां देहि पुत्रं देहि सुरेश्वरि ।
मानं देहि जयं देहि द्विषो जहि महेश्वरि ॥ 8 ॥
धर्मं देहि यशो देहि षष्ठीदेवी नमो नमः ।
देहि भूमिं प्रजां देहि विद्यां देहि सुपूजिते ।
कल्याणं च जयं देहि षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ 9 ॥
फलशृति
इति देवीं च संस्तुत्य लभेत्पुत्रं प्रियव्रतम् ।
यशश्विनं च राजेंद्रं षष्ठीदेवि प्रसादतः ॥ 10 ॥
षष्ठीस्तोत्रमिदं ब्रह्मान् यः शृणोति तु वत्सरम् ।
अपुत्रो लभते पुत्रं वरं सुचिर जीवनम् ॥ 11 ॥
वर्षमेकं च या भक्त्या संस्तुत्येदं शृणोति च ।
सर्वपापाद्विनिर्मुक्ता महावंध्या प्रसूयते ॥ 12 ॥
वीरं पुत्रं च गुणिनं विद्यावंतं यशस्विनम् ।
सुचिरायुष्यवंतं च सूते देवि प्रसादतः ॥ 13 ॥
काकवंध्या च या नारी मृतवत्सा च या भवेत् ।
वर्षं शृत्वा लभेत्पुत्रं षष्ठीदेवि प्रसादतः ॥ 14 ॥
रोगयुक्ते च बाले च पितामाता शृणोति चेत् ।
मासेन मुच्यते रोगान् षष्ठीदेवि प्रसादतः ॥ 15 ॥
जय देवि जगन्मातः जगदानंदकारिणि ।
प्रसीद मम कल्याणि नमस्ते षष्ठीदेवते ॥ 16 ॥
इति श्री षष्ठीदेवि स्तोत्रम् ।
Related to Devi
Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram (देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्)
Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram देवी Durga से forgiveness की प्रार्थना करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant भक्तों द्वारा जाने-अनजाने में किए गए mistakes, sins, और omissions के लिए divine mercy मांगता है। इस stotra के पाठ से negative karma समाप्त होता है और spiritual purification होता है। देवी की grace से जीवन में peace, prosperity, और harmony आती है। यह powerful mantra bhakti, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Devi Mahatmyam Aparadha Kshamapana Stotram का जाप positivity और inner peace को बढ़ाने में मदद करता है।Stotra
Devyaaratrikam Stotra (देव्याआरात्रिकम्)
"देवी आरती" या "देवी आरात्रिकम" हिंदू धर्म में एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें देवी की स्तुति में भजन या स्तुतियां गाई जाती हैं। इसे अक्सर दीपकों को घुमाते हुए संपन्न किया जाता है। आरती हिंदू पूजा का एक सामान्य अनुष्ठान है, जिसे देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य देवी से आशीर्वाद और सुरक्षा की कामना करना है।Stotra
Devi Mahatmyam Kilak Stotram (देवी माहात्म्यं कीलक स्तोत्रम्)
Devi Mahatmyam Kilak Stotram देवी Durga की असीम शक्ति और महिमा का वर्णन करता है, जो "Goddess of Strength" और "Divine Protector" के रूप में पूजा जाती हैं। यह स्तोत्र उनकी "Supreme Energy" और "Victory over Evil" को दर्शाता है। यह स्तोत्र "Durga Devotional Chant" और "Spiritual Protection Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से भक्तों को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। Devi Mahatmyam Kilak Stotram को "Divine Victory Prayer" और "Powerful Goddess Hymn" के रूप में पढ़ने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।Stotra
Devyaparadh Kshamaapan Stotram (देव्यपराध क्षमापण स्तोत्रम्)
देव्यपराध क्षमापण स्तोत्रम्: यह स्तोत्र देवी से अपने पापों की क्षमा मांगने के लिए है।Stotra
Shri Devi Khadgamala Stotram (श्री देवी खड्गमाला स्तोत्रम्)
देवी खड्गमाला स्तोत्रम माँ ललिता त्रिपुरसुंदरी को समर्पित एक शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है। यह स्तोत्र भक्तों को अद्भुत ऊर्जा, आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रदान करता है। खड्गमाला का अर्थ है खड्ग (तलवार) और माला (मंत्रों की माला)। यह स्तोत्र भक्त को हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, और दुष्ट शक्तियों ,/em>से बचाने में सहायक होता है। इस स्तोत्र में दिव्य शक्तियों और देवियों का आवाहन किया जाता है, जो साधक को आध्यात्मिक प्रगति और आत्मबल प्रदान करती हैं। देवी खड्गमाला स्तोत्रम का पाठ करने से ग्रह दोष, कर्म बाधाओं, और शत्रु नाश में सहायता मिलती है।Stotra
Devyaparadha Kshamaapana Stotra (देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्)
देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्, माँ दुर्गा का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने लिखा था। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ और कानों को सुख देने वाली स्तुतियों में से एक है। यह एक क्षमा स्तोत्र है जिसमें साधक माता से कहता है कि सबका उद्धार करनेवाली कल्याणमयी माता ! मैं पूजा की विधि नहीं जानता , मेरे पास धन का भी अभाव है , मैं स्वभाव से भी आलसी हूँ तथा मुझ से ठीक–ठीक पूजा का सम्पादन हो भी नहीं सकता। इन सब कारणों से तुम्हारे चरणों की सेवा में जो त्रुटी हो गयी है, उसे क्षमा करना, क्योंकि कुपुत्र होना सम्भव है, किंतु कहीं भी कुमाता नहीं होती। अत: मुझसे कोई भी गलती हुई हो तो मुझे क्षमा कर देना।Stotra
Devi Mahatmyam Devi Kavacham (देवी माहात्म्यं देवि कवचम्)
Devi Mahatmyam Devi Kavacham देवी Durga की divine protection और supreme power का वर्णन करने वाला एक sacred hymn है। यह holy chant भक्तों को spiritual shield प्रदान करता है और उन्हें negative energy, evil forces, और demonic attacks से बचाता है। इस stotra के पाठ से inner strength, courage, और divine blessings प्राप्त होते हैं। देवी की grace से जीवन में peace, prosperity, और harmony आती है। यह powerful mantra bhakti, karma, और moksha की प्राप्ति में सहायक होता है। Devi Mahatmyam Devi Kavacham का जाप positivity और spiritual growth को बढ़ाने में मदद करता है।Kavacha
Devi Aparajita Stotram (देवी अपराजिता स्तोत्रम्)
देवी अपराजिता स्तोत्रम्: यह स्तोत्र देवी अपराजिता को समर्पित है, जो सभी बाधाओं को दूर करती हैं।Stotra