No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Shivaparadha Shamapana Stotra: शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र | Seek Lord Shiva’s Forgiveness
Shri Shivaparadha Kshamapana Stotra
शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और आराधना के दौरान हुई त्रुटियों और अपराधों की क्षमा के लिए उच्चारित किया जाता है। इसे विशेष रूप से भगवान शिव के प्रति किए गए आध्यात्मिक दोष और उपासना में हुई गल्तियों के लिए माँगने के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र के माध्यम से भक्त अपने गलत कार्यों को सुधारने और भगवान शिव के अद्वितीय और अचूक कृपा से जुड़ने का प्रयास करते हैं। इस स्तोत्र का उच्चारण भगवान शिव की उपासना के बाद करना चाहिए, ताकि आत्मा को शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सके। इसका नियमित अभ्यास करने से साधक अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन महसूस करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव की दिव्य कृपा और माता दुर्गा की शक्तियों के साथ साधक को जोड़े रखता है।श्रीशिवापराधक्षमापनस्तोत्रम्
आदौ कर्मप्रसङ्गात् कलयति कलुषं मातृकुक्षौ स्थितं मां
विण्मूत्रामेध्यमध्ये क्वथयति नितरां जाठरो जातवेदाः ।
यद्यद्वै तत्र दुःखं व्यथयति नितरां शक्यते केन वक्तुं
क्षन्तव्यो मेऽपराधः शिव शिव शिव भो श्रीमहादेव शम्भो ।१।
बाल्ये दुःखातिरेको मललुलितवपुः स्तन्यपाने पिपासा
नो शक्तश्चेन्द्रियेभ्यो भवगुणजनिता जन्तवो मां तुदन्ति ।
नानारोगादिदुःखाद्रुदनपरवशः शङ्करं न स्मरामि । क्षन्तव्यो ०।२।
प्रौढोऽहं यौवनस्थो विषयविषधरैः पञ्चभिर्मर्मसन्धौ
दष्टो नष्टो विवेकः सुतधनयुवतिस्वादसौख्ये निषण्णः।
शैवीचिन्ताविहीनं मम हृदयमहो मानगर्वाधिरूढं । क्षन्तव्यो० ।३।
वार्द्धक्ये चेन्द्रियाणां विगतगतिमतिश्चाधिदैवादितापैः
पापै रोगैर्वियोगैस्त्वनवसितवपुः प्रौढिहीनं च दीनम् ।
मिथ्यामोहाभिलाषैर्भमति मम मनो धूर्जटेर्ध्यानशून्यं । क्षन्तव्यो०।४।
नो शक्यं स्मार्तकर्म प्रतिपदगहनप्रत्यवायाकुलाख्यं
श्रौते वार्ता कथं मे द्विजकुलविहिते ब्रह्ममार्गे सुसारे।
नास्था धर्मे विचारः श्रवणमननयोः किं निदिध्यासितव्यं । क्षन्तव्यो०।५।
स्त्रात्वा प्रत्यूषकाले स्त्रपनविधिविधौ नाहृतं गाङ्गतोयं
पूजार्थ वा कदाचिद्बहुतरगहनात्खण्डबिल्वीदलानि ।
नानीता पद्ममाला सरसि विकसिता गन्धपुष्पे त्वदर्थं । क्षन्तव्यो० ।६।
दुग्धैर्मध्वाज्ययुक्तैर्दधिसितसहितैः स्नापितं नैव लिङ्गं
नो लिप्तं चन्दनाद्यैः कनकविरचितैः पूजितं न प्रसूनैः ।
धूपैः कर्पूरदीपैर्विविधरसयुतैर्नैव भक्ष्योपहारैः । क्षन्तव्यो०।७।
ध्यात्वा चित्ते शिवाख्यं प्रचुरतरधनं नैव दत्तं द्विजेभ्यो
हव्यं ते लक्षसंख्यैर्हतवहवदने नार्पितं बीजमन्त्रैः ।
नो तप्तं गाङ्गतीरे व्रतजपनियमै रुद्रजाप्यैर्न वेदैः । क्षन्तव्यो० ।८।
स्थित्वा स्थाने सरोजे प्रणवमयमरुत्कुण्डले सूक्ष्ममार्गे
शान्ते स्वान्ते प्रलीने प्रकटितविभवे ज्योतिरूपे पराख्ये ।
लिङ्गज्ञे ब्रह्मवाक्ये सकलतनुगतं शङ्करं न स्मरामि । क्षन्तव्यो० ।९।
नग्नो निःसङ्गशुद्धस्त्रिगुणविरहितो ध्वस्तमोहान्धकारो
नासाग्रे न्यस्तदृष्टिर्विदितभवगुणो नैव दृष्टः कदाचित् ।
उन्मन्यावस्थया त्वां विगतकलिमलं शंकरं न स्मरामि । क्षन्तव्यो० । १० ।
चन्द्रोद्धासितशेखरे स्मरहरे गङ्गाधरे शंकरे
सर्वैर्भूषितकण्ठकर्णविवरे नेत्रोत्थवैश्वानरे ।
दन्तित्वक्कृतसुन्दराम्बरधरे त्रैलोक्यसारे हरे
मोक्षार्थं कुरु चित्तवृत्तिमखिलामन्यैस्तु किं कर्मभिः ॥ ११ ॥
किं वानेन धनेन वाजिकरिभिः प्राप्तेन राज्येन किं
किं वा पुत्रकलत्रमित्रपशुभिर्देहेन गेहेन किम् ।
ज्ञात्वैतत्क्षणभङ्गुरं सपदि रे त्याज्यं मनो दूरतः
स्वात्मार्थं गुरुवाक्यतो भज भज श्रीपार्वतीवल्लभम् ॥ १२ ॥
आयुर्नश्यति पश्यतां प्रतिदिनं याति क्षयं यौवनं
प्रत्यायान्ति गताः पुनर्न दिवसाः कालो जगद्भक्षकः ।
लक्ष्मीस्तोयतरङ्गभङ्गचषला विद्युच्चलं जीवितं
तस्मान्मां शरणागतं शरणद त्वं रक्ष रक्षाधुना ॥ १३ ॥
करचरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥ १४ ॥
इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं श्रीशिवापराधक्षमापनस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
Related to Shiv
Shiv Ashtakam Stotra (शिवाष्टकम्)
शिवाष्टकम् भगवान शिव की महिमा और शक्ति का वर्णन करने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र भगवान शिव की पूजा और स्तुति करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है, और एक बार प्रसन्न होने पर वह अपने भक्तों से सभी कष्टों और विपत्तियों को नष्ट कर देते हैं। शिवाष्टकम् का उच्चारण करने से भक्त को भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त होती है, जिससे वे अपने अस्तित्व को समझ पाते हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। भगवान शिव वह दिव्य शक्ति हैं जो किसी भी परिस्थिति का मार्ग बदल सकते हैं और जो सब कुछ का नियंत्रण करते हैं। वह सभी स्थानों में विद्यमान हैं—सूर्य, चंद्रमा, वायु, यज्ञों में और हर एक तत्व में। सभी वेद और संत भगवान शिव की पूजा करते हैं, क्योंकि वह शुद्धता और धर्म का परम स्वरूप हैं। उनका अस्तित्व समग्र सृष्टि में व्याप्त है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता और शांति प्राप्त होती है।Stotra
Shiv Ji Mantra (शिव जी मंत्र)
शिव मंत्र सनातन धर्म में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक भगवान शिव की आराधाना करते हैं उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में यदि आप रोजाना इस शिव मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है।Mantra
Shri Rudrashtakam Stotra (श्रीरुद्राष्टकम्)
सनातन धर्म में भगवान शिव शंकर को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि शिव जी आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। यदि आप शिव जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं 'श्री शिव रूद्राष्टकम' का पाठ करना चाहिए। 'शिव रुद्राष्टकम' अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। यदि कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार 7 दिनों तक सुबह शाम 'रुद्राष्टकम' स्तुति का पाठ करने से शिव जी बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश पल भर में करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। रामायण के अनुसार, मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण जैसे भयंकर शत्रु पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था।Stotra
Shiv Manas Puja Stotra (शिवमानसपूजा)
शिवमानसपूजा श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अद्वितीय स्तोत्र है। इसमें भक्त अपने मन में भगवान शिव के लिए पूजा की सभी सामग्री और विधियों की कल्पना करता है और श्रद्धा और भक्ति के साथ उन्हें अर्पित करता है। यह स्तोत्र आस्था और भावना की प्रधानता को रेखांकित करता है और उन लोगों के लिए एक नेत्र खोलने वाला संदेश है जो केवल अनुष्ठानों पर जोर देते हैं। इस स्तोत्र के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि विश्वास और नियत, बाहरी अनुष्ठानों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। शिवमानसपूजा आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का मार्ग है।Stotra
Totakashtakam (तोटकाष्टकम्)
Totakashtakam आदि शंकराचार्य के शिष्य Totakacharya द्वारा रचित एक प्रसिद्ध Vedantic Stotra है। इसमें Guru Bhakti और ज्ञान की महिमा का वर्णन किया गया है। इस Sacred Hymn के पाठ से भक्तों को आध्यात्मिक जागृति और Divine Knowledge प्राप्त होता है। Hindu Devotional Stotra का नियमित जाप करने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है। यह Spiritual Chant गुरु के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। Guru Stotra का अभ्यास करने से मोक्ष का मार्ग सुगम होता है।Ashtakam
Shiva Bhujanga Prayat Stotram (शिव भुजंग प्रयात स्तोत्रम्)
शिव भुजंग प्रयात स्तोत्रम भगवान शिव की अपार महिमा और उनकी अद्भुत शक्तियों का वर्णन करने वाला एक पवित्र स्तोत्र है। इसे संस्कृत भाषा में भुजंग प्रयात छंद में रचा गया है, जो अपने लय और माधुर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस स्तोत्र में भगवान शिव को "Destroyer of Evil", "Lord of Meditation", और "Supreme God" के रूप में संबोधित किया गया है। "Shiva Mantras", "Hindu Prayers", और "Shiva Stotras" जैसे विषयों में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह स्तोत्र अत्यंत प्रभावशाली है। यह स्तोत्र भगवान शिव के सौम्य और रौद्र रूपों की आराधना का माध्यम है, जो भक्तों को उनके संरक्षण और कृपा का अनुभव कराता है। शिव भुजंग प्रयात स्तोत्रम का पाठ करने से "spiritual awakening", "inner peace", और "divine blessings" प्राप्त होते हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से भगवान शिव के "Tandava", "Meditative State", और "Cosmic Power" का गुणगान करता है। "Mahadev Worship", "Shivratri Prayers", और "Shiva's Cosmic Dance" जैसे विषयों से प्रेरणा लेने वालों के लिए यह स्तोत्र जीवन में भक्ति और ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत है।Stotra
Shri Shiv Panchakshar Stotram (श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्)
Shri Shiv Panchakshar Stotram भगवान Lord Shiva की स्तुति में रचित दिव्य Shloka संग्रह है। इसमें Om Namah Shivaya Mantra के पांच अक्षरों की महिमा का वर्णन किया गया है। इस Sacred Hymn के पाठ से भक्तों को Positive Energy और आशीर्वाद मिलता है। Shiva Stotra का जाप करने से जीवन में शांति, शक्ति और Spiritual Growth प्राप्त होती है। महादेव की कृपा पाने के लिए Shiv Bhajan और Rudra Puja का भी विशेष महत्व है। यह Hindu Devotional Stotra भक्तों को मोक्ष का मार्ग दिखाता है।Stotra
Daridraya Dahan Shiva Stotram (दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम्)
Daridraya Dahan Shiva Stotram भगवान Lord Shiva की कृपा प्राप्त करने वाला एक Powerful Hindu Stotra है। इसका पाठ करने से Shiva Devotees को Wealth, Prosperity, and Abundance की प्राप्ति होती है। इस Sacred Hymn का नियमित जाप Financial Problems और दरिद्रता को नष्ट करता है। Shiva Mantra Chanting से जीवन में Positive Energy और सौभाग्य बढ़ता है। Lord Shiva Worship करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह Auspicious Stotra साधकों को समृद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है।Stotra