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Totakashtakam || तोटकाष्टकम् : Full Lyrics in Sanskrit !! Praise of Shankaracharya !!
Totakashtakam (तोटकाष्टकम्)
Totakashtakam आदि शंकराचार्य के शिष्य Totakacharya द्वारा रचित एक प्रसिद्ध Vedantic Stotra है। इसमें Guru Bhakti और ज्ञान की महिमा का वर्णन किया गया है। इस Sacred Hymn के पाठ से भक्तों को आध्यात्मिक जागृति और Divine Knowledge प्राप्त होता है। Hindu Devotional Stotra का नियमित जाप करने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है। यह Spiritual Chant गुरु के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। Guru Stotra का अभ्यास करने से मोक्ष का मार्ग सुगम होता है।तोटकाष्टकम्
(Totakashtakam)
विदिताखिल शास्त्र सुधा जलधे
महितोपनिषत्-कथितार्थ निधे ।
हृदये कलये विमलं चरणं
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 1 ॥
करुणा वरुणालय पालय मां
भवसागर दुःख विदून हृदम् ।
रचयाखिल दर्शन तत्त्वविदं
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 2 ॥
भवता जनता सुहिता भविता
निजबोध विचारण चारुमते ।
कलयेश्वर जीव विवेक विदं
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 3 ॥
भव ऎव भवानिति मॆ नितरां
समजायत चेतसि कौतुकिता ।
मम वारय मोह महाजलधिं
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 4 ॥
सुकृतेऽधिकृते बहुधा भवतो
भविता समदर्शन लालसता ।
अति दीनमिमं परिपालय मां
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 5 ॥
जगतीमवितुं कलिताकृतयो
विचरंति महामाह सच्छलतः ।
अहिमांशुरिवात्र विभासि गुरो
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 6 ॥
गुरुपुंगव पुंगवकेतन ते
समतामयतां न हि कोऽपि सुधीः ।
शरणागत वत्सल तत्त्वनिधे
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 7 ॥
विदिता न मया विशदैक कला
न च किंचन कांचनमस्ति गुरो ।
दृतमेव विधेहि कृपां सहजां
भव शंकर देशिक मे शरणम् ॥ 8 ॥
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