Tulsi Vivah (तुलसी विवाह) Date:- 2024-11-16

Tulasi Vivah on Wednesday, November 13, 2024 (तुलसी विवाह परबुधवार, 13 नवंबर, 2024) द्वादशी तिथि प्रारम्भ -12 नवंबर, 2024 को 04:04 PM द्वादशी तिथि समाप्त -13 नवंबर, 2024 को दोपहर 01:01 बजे तुलसी विवाह कब और कैसे मनाया जाता है? तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का आयोजन किया जाता है। मुख्यतः उत्तर भारत में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। तुलसी विवाह का पौराणिक महत्व क्या है? तुलसी विवाह का पौराणिक महत्व भगवान विष्णु और तुलसी माता की कथा से जुड़ा है। कथा के अनुसार, तुलसी एक पवित्र पौधा है और भगवान विष्णु के प्रति उसकी अटूट भक्ति के कारण भगवान ने उससे विवाह किया था। इस विवाह की स्मृति में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है और इसे बहुत ही शुभ माना जाता है। तुलसी विवाह की तैयारी कैसे होती है? तुलसी विवाह की तैयारी में लोग अपने घरों में तुलसी के पौधे को सजाते हैं। तुलसी के पौधे के पास मंडप बनाकर उसे फूलों, रंगोली और दीपों से सजाया जाता है। इस दौरान विशेष पूजा सामग्री का प्रबंध किया जाता है जिसमें तुलसी माता और भगवान विष्णु की मूर्तियाँ या चित्र शामिल होते हैं। तुलसी विवाह का उत्सव कैसे मनाया जाता है? तुलसी विवाह के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और घर को सजाते हैं। शाम को तुलसी के पौधे के पास विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विवाह की सभी रस्में पूरी की जाती हैं जैसे मंडप, फेरे, और आरती। तुलसी और भगवान विष्णु की मूर्तियों को एक-दूसरे के सामने रखकर विवाह की रस्में पूरी की जाती हैं। इस दौरान भजन और कीर्तन गाए जाते हैं और प्रसाद वितरण किया जाता है। तुलसी विवाह का समग्र महत्व क्या है? तुलसी विवाह केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है।

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