No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Shri Shrishail Mallikarjun Suprabhatam (श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम्)
श्री श्रीशैल मल्लिकार्जुन सुप्रभातम्
(Shri Shrishail Mallikarjun Suprabhatam)
प्रातस्स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं
सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम् ।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड-
माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम् ॥ 1॥
कलाभ्यां चूडालङ्कृतशशिकलाभ्यां निजतपः
फलाभ्यां भक्तेषु प्रकटितफलाभ्यां भवतु मे ।
शिवाभ्यामास्तीकत्रिभुवनशिवाभ्यां हृदि पुन-
र्भवाभ्यामानन्दस्फुरदनुभवाभ्यां नतिरियम् ॥ 2॥
नमस्ते नमस्ते महादेव! शम्भो!
नमस्ते नमस्ते दयापूर्णसिन्धो!
नमस्ते नमस्ते प्रपन्नात्मबन्धो!
नमस्ते नमस्ते नमस्ते महेश ॥ 3॥
शश्वच्छ्रीगिरिमूर्धनि त्रिजगतां रक्षाकृतौ लक्षितां
साक्षादक्षतसत्कटाक्षसरणिश्रीमत्सुधावर्षिणीम् ।
सोमार्धाङ्कितमस्तकां प्रणमतां निस्सीमसम्पत्प्रदां
सुश्लोकां भ्रमराम्बिकां स्मितमुखीं शम्भोस्सखीं त्वां स्तुमः ॥ 4॥
मातः! प्रसीद, सदया भव, भव्यशीले !
लीलालवाकुलितदैत्यकुलापहारे !
श्रीचक्रराजनिलये ! श्रुतिगीतकीर्ते !
श्रीशैलनाथदयिते ! तव सुप्रभातम् ॥ 5॥
शम्भो ! सुरेन्द्रनुत ! शङ्कर ! शूलपाणे !
चन्द्रावतंस ! शिव ! शर्व ! पिनाकपाणे !
गङ्गाधर ! क्रतुपते ! गरुडध्वजाप्त !
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 6॥
विश्वेश ! विश्वजनसेवित ! विश्वमूर्ते !
विश्वम्भर ! त्रिपुरभेदन ! विश्वयोने !
फालाक्ष ! भव्यगुण ! भोगिविभूषणेश !
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 7॥
कल्याणरूप ! करुणाकर ! कालकण्ठ !
कल्पद्रुमप्रसवपूजित ! कामदायिन् !
दुर्नीतिदैत्यदलनोद्यत ! देव देव !
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 8॥
गौरीमनोहर ! गणेश्वरसेविताङ्घ्रे !
गन्धर्वयक्षसुरकिन्नरगीतकीर्ते !
गण्डावलम्बिफणिकुण्डलमण्डितास्य !
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 9॥
नागेन्द्रभूषण ! निरीहित ! निर्विकार !
निर्माय ! निश्चल ! निरर्गल ! नागभेदिन् ।
नारायणीप्रिय ! नतेष्टद ! निर्मलात्मन् !
श्रीपर्वताधिप ! विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 10॥
सृष्टं त्वयैव जगदेतदशेषमीश !
रक्षाविधिश्च विधिगोचर ! तावकीनः ।
संहारशक्तिरपि शङ्कर ! किङ्करी ते
श्रीशैलशेखर विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 11॥
एकस्त्वमेव बहुधा भव ! भासि लोके
निश्शङ्कधीर्वृषभकेतन ! मल्लिनाथ !
श्रीभ्रामरीप्रय ! सुखाश्रय ! लोकनाथ !
श्रीशैलशेखर विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 12॥
पातालगाङ्गजलमज्जननिर्मलाङ्गाः
भस्मत्रिपुण्ड्रसमलङ्कृतफालभागाः ।
गायन्ति देवमुनिभक्तजना भवन्तं
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 13॥
सारस्वताम्बुयुतभोगवतीश्रितायाः
ब्रह्मेशविष्णुगिरिचुम्बितकृष्णवेण्याः ।
सोपानमार्गमधिरुह्य भजन्ति भक्ताः
श्रीमल्लिकार्जुन विभो ! तव सुप्रभातम् ॥ 14॥
श्रीमल्लिकार्जुनमहेश्वरसुप्रभात-
स्तोत्रं पठन्ति भुवि ये मनुजाः प्रभाते ।
ते सर्व सौख्यमनुभूय परानवाप्यं
श्रीशाम्भवं पदमवाप्य मुदं लभन्ते ॥ 15॥
इति श्रीमल्लिकार्जुनसुप्रभातं सम्पूर्णम् ।
Related to Shiv
Amogh Shiva Kavach (अमोघ शिव कवच)
Amogh Shiv Kavach एक अत्यंत शक्तिशाली Maha Kavach है। यह Lord Shiva के Rudra form का प्रतीक है। जो व्यक्ति नियमित रूप से Amogh Shiv Kavach का पाठ करता है, उसे Lord Shiva's special grace प्राप्त होती है। यह Kavach व्यक्ति को सभी Graha Dosh पीड़ा, Tantra Badha, Nazar Dosh, Pitru Dosh, Sudden Death, Physical troubles, Mental troubles, Financial troubles आदि से बचाता है। जो व्यक्ति Shiv Kavach Pendant पहनता है, उसके जीवन से negativity धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। यदि साधक Shiva Yantra Kavach पहनकर Amogh Shiv Kavach का पाठ करता है, तो वह भयंकर calamities से छुटकारा पाने लगता है। Navagraha के evil effects में कमी आने लगती है। साधक सभी प्रकार की diseases, Tantra-Mantra-Yantra से सुरक्षित रहता है। हर व्यक्ति को इस Amogh Shiv Kavach का पाठ अपनी daily worship में अवश्य करना चाहिए, ताकि वह और उसका परिवार troubles से बच सके।Kavacha
Shiv Stuti (शिव स्तुति)
Shiv Stuti (शिव स्तोत्र Shiva Stotra)Shiv Stuti, भगवान Shiva को समर्पित एक भक्तिमय hymn है, जो उनकी supreme power, grace, और destruction of evil के लिए गाया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को Mahadev के रूप में जाना जाता है, जो creator और destroyer दोनों के रूप में कार्य करते हैं। Shiv Stotra में भगवान शिव के अनंत गुणों का वर्णन किया गया है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है और जीवन में peace, prosperity और enlightenment लाने में सहायक होता है। यह स्तुति devotees के मन को शांत कर उनकी spiritual journey को सरल बनाती है। भगवान शिव की इस divine stotra का recitation करने से व्यक्ति के karmic obstacles दूर होते हैं और उसे divine blessings की प्राप्ति होती है।Stuti
Kashi Panchakam Stotra (काशीपंचकम स्तोत्र)
काशी पंचकम स्तोत्र (Kashi Panchakam Stotra) भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक दिव्य स्तोत्र (divine hymn) है, जो काशी (Kashi/Varanasi) की महिमा (glory) का वर्णन करता है। काशी को मोक्ष (salvation) का द्वार और आध्यात्मिक ऊर्जा (spiritual energy) का केंद्र माना गया है। इस स्तोत्र का पाठ (recitation) आत्मज्ञान (self-realization), शांति (peace), और ईश्वर की कृपा (divine blessings) प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव, जिन्हें विश्वनाथ (Vishwanath) के नाम से भी जाना जाता है, काशी में सदा वास करते हैं। काशी पंचकम का जप व्यक्ति को पापों (sins) से मुक्त कर जीवन को दिव्यता (divinity) से परिपूर्ण करता है।Devi-Stotra
Shiva Sankalpa Upanishad (शिवसङ्कल्पोपनिषत् )
शिवसङ्कल्पोपनिषत् एक प्राचीन ग्रंथ है जो भगवान शिव की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन करता है।Shloka-Mantra
Shiva Swarnamala Stuti (शिव स्वर्णमाला स्तुति)
Shiv Swarnamala Stuti (शिव स्वर्णमाला स्तुति) भगवान Shankar को समर्पित एक अत्यंत divine stotra है, जिसकी रचना Adi Guru Shankaracharya जी द्वारा की गई है। सभी Shiv Bhakt यह भली-भांति जानते हैं कि भगवान Shiva की कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है। इस stuti का recitation किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन Monday को इसका पाठ करना विशेष लाभकारी माना गया है, क्योंकि सोमवार का दिन Lord Shiva को अत्यंत प्रिय है। इस hymn के पाठ से भगवान Shankar शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को wish-fulfilling blessings प्रदान करते हैं, जिससे उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।Stuti
Shri Rudra Kavacham (श्री रुद्र कवचम्)
Shri Rudra Kavacham भगवान Shiva की शक्ति और कृपा का वर्णन करता है, जो "Destroyer of Evil" और "Supreme God" के रूप में पूजित हैं। यह Kavacham (armor) भक्त को सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करता है। इस पाठ में महादेव की महिमा का गान करते हुए उनके विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है, जो भक्त को "Protection Mantra" और "Divine Shield" के रूप में सुरक्षा प्रदान करते हैं। Shri Rudra Kavacham का पाठ "Spiritual Armor" और "Evil Protection Prayer" के रूप में भी लोकप्रिय है। यह Kavach व्यक्ति के चारों ओर एक ऊर्जा कवच तैयार करता है, जो उसकी आंतरिक शक्ति को जागृत करता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। भक्त इसे "Shiva's Protective Shield" के रूप में मानते हैं, जो उन्हें जीवन की कठिनाइयों से बचाता है और शुभ फल प्रदान करता है।Kavacha
Shri Shiv Aparadh Kshamapan Stotram (श्री शिवापराध क्षमापण स्तोत्रम्)
Shiv Apradh Kshamapan Stotra(शिव अपराध क्षमापन स्तोत्र) आदि Adi Shankaracharya द्वारा रचित एक दिव्य Sacred Stotra है, जिसे Lord Shiva की पूजा में Forgiveness Prayer के लिए गाया जाता है 🙏। यह Hindu Devotional Stotra पूजा और Worship के दौरान हुई भूलों के लिए Apology Request करने का सर्वोत्तम साधन है। इस Powerful Hymn का नियमित पाठ Sadhak को Goddess Durga’s Blessings और Lord Shiva’s Infinite Grace प्रदान करता है। इस Shiva Stotra में भक्त Lord Shiva से हाथ, पैर, वाणी, शरीर, मन और हृदय से किए गए Sins and Mistakes की क्षमा मांगते हैं। वे अपने Past and Future Sins के लिए भी Mercy Request करते हैं 🕉️। इस Divine Chanting का पाठ Lord Shiva को Pleased करता है, जो Trinity Destroyer माने जाते हैं और करोड़ों Hindu Devotees द्वारा मुख्य Deity रूप में पूजे जाते हैं। Shiva Worship के बाद Shiv Apradh Kshamapan Stotra का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। Lord Shiva’s Sacred Panchakshar Mantra "Na Ma Si Va Ya" इस Stotra में विशेष रूप से प्रतिष्ठित है, जिससे Sadhak के जीवन में Positive Transformation आता है और वह Spiritually Elevated होता है 🚩।Stotra
Shri Vaidyanath Ashtakam (श्री वैद्यनाथ अष्टकम)
Shri Vaidyanath Ashtakam (श्री वैद्यनाथ अष्टकम) भगवान Shiva के Vaidyanath Jyotirlinga की महिमा का वर्णन करने वाला एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है। यह अष्टकम भगवान शिव के divine healer रूप का गुणगान करता है, क्योंकि Vaidyanath को समस्त रोगों और कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्तोत्र के नियमित पाठ से good health, mental peace और spiritual upliftment प्राप्त होता है। श्री वैद्यनाथाष्टकम् के साथ-साथ यदि Shiva Aarti का पाठ किया जाए तो Shri Vaidyanath Ashtakam का बहुत लाभ मिलता है, मनोवांछित कामना पूर्ण होती है, और यह अष्टकम शीघ्र ही फल देने लग जाता है। घर में peace, prosperity और harmony बनाए रखने के लिए Shiva Chalisa का पाठ करना चाहिए। साथ ही, प्रतिदिन Shiva Sahasranama का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।Ashtakam