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Santana Gopala Stotram (संतान गोपाल स्तोत्रम्)
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Gita Govindam trutiyah sargah - Mugdh Madhusudanah (गीतगोविन्दं तृतीयः सर्गः - मुग्ध मधुसूदनः)
गीतगोविन्दं के तृतीय सर्ग में मुग्ध मधुसूदन का वर्णन किया गया है। यह खंड कृष्ण की चंचलता और राधा के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।Gita-Govindam
Bhagavad Gita Thirteenth Chapter (भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय)
भगवद गीता तेरहवाँ अध्याय "क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विवेक योग" है। इसमें श्रीकृष्ण ने क्षेत्र (शरीर) और क्षेत्रज्ञ (आत्मा) के बीच के अंतर को समझाया है। वे बताते हैं कि शरीर नश्वर है, जबकि आत्मा अमर और शाश्वत है। यह अध्याय "आत्मा और शरीर", "अध्यात्म का विज्ञान", और "सत्य ज्ञान" की महत्ता को प्रकट करता है।Bhagwat-Gita
Shri Govinda Stuti (श्री गोविंदास्तुति)
Govinda Stuti (गोविंदास्तुति)/ Govinda Ashtakam (गोविंदा अष्टकम) एक devotional Stotra है, जिसे Adi Shankaracharya ने Lord Vishnu के Govinda रूप की स्तुति में लिखा था। Hindu Mythology के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति regularly इस स्तोत्र का chanting करता है, तो वह Lord Govinda को प्रसन्न कर उनकी divine blessings प्राप्त कर सकता है। Best results प्राप्त करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ early morning स्नान करने के बाद, Lord Govinda की idol या picture के सामने बैठकर करना चाहिए। इस स्तोत्र के meaning in Hindi को समझकर पाठ करने से इसका effect और अधिक बढ़ जाता है। Govinda का नाम before eating anything अवश्य लेना चाहिए। Kshatrabandhu की कथा Govinda Nama के महत्व को दर्शाती है। Kshatrabandhu एक cruel man था, जो जंगलों में यात्रा करने वालों को लूटता था। लेकिन जब एक sage से उसने Govinda नाम सुना, तो उसका salvation हो गया।Stuti
Srimad Bhagwad Gita Chapter 18 (श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - अष्टादशोऽध्यायः)
श्रीमद्भगवद्गीता मूलम् - अष्टादशोऽध्यायः भगवद्गीता का 18वां अध्याय है जो मुक्ति और कर्म योग की महिमा का वर्णन करता है। यह अध्याय भगवान कृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद के रूप में प्रस्तुत किया गया है।Bhagwat-Gita
Aarti Shri Krishna Kanhaiya ki (श्री कृष्ण कन्हैया की आरती)
आरती श्री Krishna Kanhaiya की भगवान श्रीकृष्ण की divine glory और leela का गुणगान करती है। यह आरती उनके devotees को love, joy और spiritual enlightenment का अनुभव कराती है। Hindu religion में श्रीकृष्ण को God of love, compassion और dharma restoration का प्रतीक माना गया है। इस आरती का गान भक्तों के heart को positivity, peace और blessings से भर देता है। श्रीकृष्ण की पूजा troubles दूर करने और life में prosperity और happiness लाने के लिए की जाती है।Arti
Uddhava Gita - Chapter 1 (उद्धवगीता - प्रथमोऽध्यायः)
उद्धवगीता के प्रथमोऽध्याय में उद्धव और भगवान कृष्ण के बीच की वार्ता का प्रारंभ होता है। यह अध्याय आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति के महत्व को दर्शाता है।Uddhava-Gita
Shri Krishna Ashtakam Stotra (श्रीकृष्णाष्टकम्)
Shri krishna Ashtakam: श्रीरीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। पुराणों के अनुसार इनका जन्म द्वापर युग में माना गया है। भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए लोग उनकी पूजा करते है उन्हे माखन खिलाते है। इन्हे श्रीकृष्ण अष्टकम् का पाठ करके भी प्रसन्न किया जा सकता है। रोज श्रीकृष्ण अष्टकम पढ़ने पर विशेष पुण्य लाभ मिलता है। भगवान के इस पाठ को करने वाले मनुष्य का जीवन में कभी कोई कार्य नहीं रुकता और उसे हमेशा विजय की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से यदि कोई व्यक्ति श्रीकृष्ण अष्टक का पाठ करता है तो भगवान उस पर अपनी कृपा दृष्टी बनाएं रखते है और वह हमेशा विजयी रहता है।Stotra
Uddhava Gita - Chapter 11 (उद्धवगीता - एकादशोऽध्यायः)
उद्धवगीता के एकादशोऽध्याय में उद्धव और कृष्ण की वार्ता में आत्मज्ञान और ध्यान की विधियों पर चर्चा होती है।Uddhava-Gita