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Shri Lakshmi Narasimha Stotra: श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्र | Powerful Prayers to Narasimha Avatar
Sri Lakshmi Narasimha Stotra (श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रम्)
श्री नारायण अष्टकम् (Shri Narayan Ashtakam): हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार, नियमित रूप से श्री नारायण अष्टकम् का जप करना <><>भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे प्रभावशाली उपाय है। जो लोग समृद्धि और धन प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें श्री नारायण अष्टकम् का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह स्तोत्र भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रम्
श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणे भोगीन्द्रभोगमणिरञ्जितपुण्यमूर्ते ।
योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोत लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्बम् ॥ १ ॥
ब्रह्मेन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटिसङ्घट्टिताङ्ङ्घिकमलामलकान्तिकान्त ।
लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंस । लक्ष्मी० ॥ २ ॥
संसारघोरगहने चरतो मुरारे मारोग्रभीकरमृगप्रवरार्दितस्य ।
आर्तस्य मत्सरनिदाघनिपीडितस्य लक्ष्मी० ॥ ३ ॥
संसारकूपमतिघोरमगाधमूलं सम्प्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य ।
दीनस्य देव कृपणापदमागतस्य । लक्ष्मी० ॥ ४ ॥
संसारसागरविशालकरालकालनक्रग्रहग्रसननिग्रहविग्रहस्य ।
व्यग्रस्य रागरसनोर्मिनिपीडितस्य । लक्ष्मी० ॥ ५ ॥
संसारवृक्षमघबीजमनन्तकर्मशाखाशतं करणपत्रमनङ्गपुष्पम् ।
आरुह्य दुःखफलितं पततो दयालो । लक्ष्मी० ॥ ६ ॥
संसारसर्पघनवक्त्रभयोग्रतीव्रदंष्ट्राकरालविषदग्धविनष्टमूर्तेः ।
नागारिवाहन सुधाब्धिनिवास शौरे । लक्ष्मी० ॥ ७ ॥
संसारदावदहनातुरभीकरोरुज्वालावलीभिरतिदग्धतनूरुहस्य ।
त्वत्पादपद्मसरसीशरणागतस्य । लक्ष्मी० ॥ ८ ॥
संसारजालपतितस्य जगन्निवास सर्वेन्द्रियार्तवडिशार्थझषोपमस्य ।
प्रोत्खण्डितप्रचुरतालुकमस्तकस्य । लक्ष्मी० ॥ ९ ॥
संसारभीकरकरीन्द्रकराभिघातनिष्पिष्टमर्मवपुषः सकलार्तिनाश ।
प्राणप्रयाणभवभीतिसमाकुलस्य । लक्ष्मी० ॥ १० ॥
अन्धस्य मे हृतविवेकमहाधनस्य चोरैः प्रभो बलिभिरिन्द्रियनामधेयैः ।
मोहान्धकूपकुहरे विनिपातितस्य । लक्ष्मी० ॥ ११ ॥
लक्ष्मीपते कमलनाभ सुरेश विष्णो वैकुण्ठ कृष्ण मधुसूदन पुष्कराक्ष ।
ब्रह्मण्य केशव जनार्दन वासुदेव देवेश देहि कृपणस्य करावलम्बम् ॥ १२ ॥
यन्माययोर्जितवपुः प्रचुरप्रवाहमग्नार्थमत्र निवहोरुकरावलम्बम् ।
लक्ष्मीनृसिंहचरणाब्जमधुव्रतेन स्तोत्रं कृतं सुखकरं भुवि शङ्करेण ॥ १३ ॥
इति श्रीमच्छङ्कराचार्यकृतं श्रीलक्ष्मीनृसिंहस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
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Maha Lakshmyashtakam Strotra (महालक्ष्म्यष्टकम्)
महालक्ष्मी अष्टकम देवराज इन्द्र द्वारा रचित माता लक्ष्मी को समर्पित एक स्तोत्र है, इसका उल्लेख पद्म पुराण में हुआ है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से साधक महालक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य संपन्न हो जाता है, उसके महान पातकों और शत्रुओं का नाश हो जाता है।Stotra
Padmavati Stotram (पद्मावती स्तोत्रं)
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Shri Sukt (श्री सूक्त)
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Ashtalakshmi Stuti (अष्टलक्ष्मी स्तुति)
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Goddess Lakshmi Puja के लिए सबसे पहले clean altar पर Lakshmi Mata और Lord Ganesha की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। Kalash Sthapana करें, जिसमें Ganga Jal, betel leaves, coins, और rice grains डालें। फिर incense sticks, diya lighting, और fresh flowers अर्पित कर Shodashopachara Puja विधि से Goddess Lakshmi की पूजा करें। Kumkum, turmeric, sandalwood paste, और sweets अर्पित करने से divine blessings प्राप्त होती हैं। पूजा के दौरान Lakshmi Gayatri Mantra, Shri Sukta, और Kanakdhara Stotra का पाठ करना शुभ माना जाता है, जिससे financial prosperity और wealth abundance प्राप्त होती है। विशेष रूप से Diwali, Dhanteras, Sharad Purnima, Akshaya Tritiya, Kojagari Purnima, और Navratri पर Lakshmi Puja करना अत्यंत शुभ होता है। इन अवसरों पर Goddess Lakshmi की कृपा से luck, prosperity, और success in career प्राप्त होती है। New Business Opening, Housewarming Ceremony, और Financial Year Beginning पर भी यह पूजा करने से positive energy और monetary benefits मिलते हैं।Puja-Vidhi
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