Pausha Putrada Ekadashi (पौष पुत्रदा एकादशी) Date:- 2025-01-10

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 10वाँ जनवरी 2025 Friday / शुक्रवार

पौष पुत्रदा एकादशी पारण

पौष पुत्रदा एकादशी शुक्रवार, जनवरी 10, 2025 को 11वाँ जनवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 07:15 ए एम से 08:21 ए एम पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 08:21 ए एम एकादशी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 09, 2025 को 12:22 पी एम बजे एकादशी तिथि समाप्त - जनवरी 10, 2025 को 10:19 ए एम बजे2025 पौष पुत्रदा एकादशी एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिये। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिये। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिये सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिये। कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिये। कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिये हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्त-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिये। दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिये। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं।

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