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Shri Krishna Sharanam Mam: श्री कृष्णः शरणं मम | Surrender to Lord Krishna’s Divine Grace
Shri Krishna Sharanam mam (श्रीकृष्णः शरणं मम)
श्री कृष्ण शरणम मम: भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वसुदेव के घर हुआ था, और उन्हें वृंदावन में नंद और यशोदा ने पाल-पोसा। चंचल और शरारती भगवान श्री कृष्ण की पूजा विशेष रूप से उनकी बाल्य और युवावस्था की रूप में की जाती है, जो भारत और विदेशों में व्यापक रूप से प्रचलित है। श्री कृष्ण शरणम मम: का उच्चारण करके भक्त भगवान श्री कृष्ण की शरण में आते हैं, यह मंत्र श्री कृष्ण की कृपा और संरक्षण प्राप्त करने का एक प्रमुख उपाय माना जाता है। श्रीकृष्णः शरणं मम
श्रीकृष्ण एव शरणं मम श्रीकृष्ण एव शरणम् ॥
(ध्रुवपदम्)
गुणमय्येषा न यत्र माया न च जनुरपि मरणम् ।
यद्यतयः पश्यन्ति समाधौ परममुदाभरणम् ॥ १ ॥
यद्धेतोर्निवहन्ति बुधा ये जगति सदाचरणम् ।
सर्वापद्भ्यो विहितं महतां येन समुद्धरणम् ॥ २ ॥
भगवति यत्सन्मतिमुद्वहतां हृदयतमोहरणम् ।
हरिपरमा यद्भजन्ति सततं निषेव्य गुरुचरणम् ॥३॥
असुरकुलक्षतये कृतममरैर्यस्य सदादरणम् ।
भुवनतरुं धत्ते यन्निखिलं विविधविषयपर्णम् ॥ ४ ॥
अवाप्य यद्भूयोऽच्युतभक्ता न यान्ति संसरणम् ।
कृष्णलालजीद्विजस्य भूयात्तदघहरस्मरणम् ॥ ५ ॥
इति श्रीकृष्णलालजीद्विजविरचितं 'श्रीकृष्णः शरणं मम'
नामक स्तोत्रं समाप्तम् ।
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