New Year's Day (नया साल) Date:- 2025-01-01

अंग्रेजी नव वर्ष 2025

1st January 2025

Wednesday / बुधवार English New Year starts on 1st of January, the first day of modern Gregorian calendar also called as Western Calendar and Christian Calendar. Gregorian calendar was reformed in the year 1582 to the Julian calendar and stored January 1st as a New Year Day. Gregorian calendar is widely adopted by most of the countries and celebrates January 1st as New Year Day as well as December 31st as New Year's Eve.नया साल मनाने के पाँच तरीके : 1. हर साल आप अपने करीबी लोगों या फिर दोस्तों के साथ नए साल का जश्न मनाते हैं, लेकिन इस साल अपने इस जश्न में उन लोगों के भी शामिल कीजिए, जो कभी नए साल का उत्सव नहीं मना पाते। कभी कुछ झोपड़पट्टी इलाकों, अनाथ आलयों या फिर ऐसे इलाकों में जाकर भी जश्न मनाइए, आपके साथ कुछ और लोगों को भी खुशी मिलेगी तो आप भी इस आयोजन को सार्थक महसूस करेंगे। 2. एक दिन का जश्न मनाने के बजाए, कुछ ऐसा प्लान कीजिए जो आपको सालभर खुशी दे सके और सच में नया साल बढ़ि‍या गुजरे। आप चाहें तो अपनी पार्टी में मौजूद सभी लोगों के साथ साल भर के लिए कुछ योजनाएं बनाएं जिसमें मस्ती से लेकर, घूमना-फिरना, समाजसेवा और कुछ अच्छे कार्य भी शामिल हों। 3. क्यों न कुछ और नया किया जाए। प्रकृति को सहेजने के साथ शुरुआत कीजिए नए साल की, और कुछ नए पौधे लगाइए। घर का हर सदस्य एक पौधा लगाए और उसकी खुशी मनाई जाए। आप चाहें तो पौधे लगाने के आलावा घर में कुछ नए सदस्य भी ला सकते हैं। आप चाहें तो इनके नाम रख स‍कते हैं या इनसे दोस्ती कर सकते हैं। यकीन मानिए आप आत्मिकता महसूस करेंगे और आंतरिक खुशी भी। 4. कहीं आउटिंग पर जाना नए साल के जश्न का बढ़ि‍या विकल्प है। यह आपको भी नया बनाने में मदद करेगा। हर बार अगर आप दोस्तों के साथ बाहर जाते हैं, तो इस बार परिवार के साथ प्लान बनाएं, यह सभी सदस्यों को रिफ्रेश करने का अच्छा तरीका होगा। 5. घर में ही रहकर अगर नए साल को सेलिब्रेट करना चाहते हैं, तो थीम आधारित पार्टी भी बेहतरीन विकल्प है। आप जो चाहें वह थीम चुन सकते हैं, और सभी सदस्यों के लिए टास्क तय कर सकते हैं। इसके अलावा पार्टी में कुछ गेम्स भी होंगे तो आपका मजा दुगुना हो जाएगा।

Recommendations

Aapaduddharak Hanumatstotram (आपदुद्धारक हनुमत्स्तोत्रम्)

आपदुद्धारक हनुमत्स्तोत्रम् भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भक्तों को कठिनाइयों और खतरों से बचाने के लिए जाना जाता है। इस स्तोत्र का जाप करने से दिव्य सुरक्षा, साहस और आध्यात्मिक समर्थन मिलता है।
Stotra

Krishna Janmashtami Puja Vidhi (कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि)

यह पृष्ठ कृष्ण जन्माष्टमी के समय की जाने वाली श्री कृष्ण पूजा के सभी चरणों का वर्णन करता है। इस पृष्ठ पर दी गयी पूजा में षोडशोपचार पूजा के सभी १६ चरणों का समावेश किया गया है और सभी चरणों का वर्णन वैदिक मन्त्रों के साथ दिया गया है। जन्माष्टमी के दौरान की जाने वाली श्री कृष्ण पूजा में यदि षोडशोपचार पूजा के सोलह (१६) चरणों का समावेश हो तो उसे षोडशोपचार जन्माष्टमी पूजा विधि के रूप में जाना जाता है।
Puja-Vidhi

Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 8 chapter(आठवाँ अध्याय)

दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का अष्टम अध्याय "रक्तबीज वध" पर आधारित है।
Durga-Saptashati

Kashi Panchakam Stotra (काशीपंचकम स्तोत्र)

काशी पंचकम स्तोत्र (Kashi Panchakam Stotra) भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक दिव्य स्तोत्र (divine hymn) है, जो काशी (Kashi/Varanasi) की महिमा (glory) का वर्णन करता है। काशी को मोक्ष (salvation) का द्वार और आध्यात्मिक ऊर्जा (spiritual energy) का केंद्र माना गया है। इस स्तोत्र का पाठ (recitation) आत्मज्ञान (self-realization), शांति (peace), और ईश्वर की कृपा (divine blessings) प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव, जिन्हें विश्वनाथ (Vishwanath) के नाम से भी जाना जाता है, काशी में सदा वास करते हैं। काशी पंचकम का जप व्यक्ति को पापों (sins) से मुक्त कर जीवन को दिव्यता (divinity) से परिपूर्ण करता है।
Devi-Stotra

Shiv Ji Mantra (शिव जी मंत्र)

शिव मंत्र सनातन धर्म में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो साधक भगवान शिव की आराधाना करते हैं उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में यदि आप रोजाना इस शिव मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है।
Mantra

Shri Vindhyeshwari Ji Arti (श्री विन्ध्येश्वरी जी की आरती)

श्री विंध्येश्वरी जी की आरती माँ Vindhyeshwari के divine form और spiritual powers की स्तुति है। इस आरती में देवी Vindhyavasini, Durga, और Mahashakti की glory, grace, और भक्तों पर होने वाले blessings का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्तों को spiritual growth, happiness, prosperity, और peace की प्राप्ति की प्रेरणा देती है। माँ Vindhyeshwari, जिन्हें Jagadamba, Shakti Swaroopini, और Durga Mata के नाम से भी जाना जाता है, उनकी पूजा भक्तों को divine protection, mental peace, और positive energy प्रदान करती है। भक्तगण माँ Vindhyavasini की इस आरती के माध्यम से देवी की कृपा प्राप्त करते हैं, जो inner strength, faith, और devotional bliss प्रदान करती है।
Arti

Shri Hanuman LaLa Ji Arti (श्री हनुमान लला जी की आरती)

श्री हनुमान लला जी की आरती भगवान हनुमान के बाल स्वरूप की पूजा है, जिसमें उनकी शक्ति, भक्ति, और निर्भयता का गुणगान किया जाता है। इस आरती में हनुमान जी को संकटमोचन, शत्रुनाशक, और राम भक्त के रूप में श्रद्धा से पूजा जाता है।
Arti

Bhagavad Gita 17 Chapter (भगवत गीता सातवाँ अध्याय)

भगवद्गीता का 17वां अध्याय "श्रद्धात्रयविभाग योग" (The Yoga of Threefold Faith) है, जो श्रद्धा (Faith) के तीन प्रकारों – सात्त्विक (Pure), राजसिक (Passionate), और तामसिक (Ignorant) – का वर्णन करता है। श्रीकृष्ण (Lord Krishna) अर्जुन (Arjuna) को बताते हैं कि व्यक्ति की श्रद्धा उसके स्वभाव (Nature) और गुणों (Qualities) पर आधारित होती है। इस अध्याय में भोजन (Food), यज्ञ (Sacrifice), तप (Austerity), और दान (Charity) को सात्त्विक, राजसिक, और तामसिक श्रेणियों में विभाजित कर उनके प्रभावों का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण बताते हैं कि केवल सात्त्विक कर्म (Pure Actions) और श्रद्धा से ही आध्यात्मिक प्रगति (Spiritual Progress) और मोक्ष (Liberation) प्राप्त किया जा सकता है। यह अध्याय व्यक्ति को सद्गुणों (Virtues) और धर्म (Righteousness) के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
Bhagwat-Gita