Dhanteras (धनतेरस) Date :- 30.10.2024

Dhanteras (धनतेरस) 2024 Date :- 30.10.2024 धनतेरस मुहूर्त 2024 धनतेरस 2024 मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 06:55 बजे से रात 08:22 बजे तक है। प्रदोष काल- शाम 05:54 बजे से रात 08:22 बजे तक वृषभ काल- शाम 06:55 बजे से रात 08:57 बजे तक त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – 29 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10:31 बजे से त्रयोदशी तिथि समाप्त - 30 अक्टूबर, 2024 को दोपहर 01:15 बजे 2024 धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा (Dhanteras 2024) धनत्रयोदशी जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली उत्सव का पहला दिन है। धनत्रयोदशी के दिन ही देवी लक्ष्मी दूधिया सागर के मंथन के दौरान समुद्र से प्रकट हुई थीं। इसलिए, त्रयोदशी के शुभ दिन पर धन के देवता भगवान कुबेर के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालाँकि, धनत्रयोदशी के दो दिन बाद अमावस्या पर लक्ष्मी पूजा अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। धनतेरस या धनत्रयोदशी पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहती है। हम धनतेरस पूजा करने के लिए चौघड़िया मुहूर्त चुनने की सलाह नहीं देते हैं क्योंकि वे मुहूर्त केवल यात्रा के लिए अच्छे होते हैं। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्न प्रबल होता है। स्थिर का अर्थ है स्थिर अर्थात चलने योग्य नहीं। यदि धनतेरस पूजा स्थिर लग्न में की जाए तो लक्ष्मीजी आपके घर में वास करेंगी; इसलिए यह समय धनतेरस पूजन के लिए सर्वोत्तम है। वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है और यह अधिकतर दिवाली उत्सव के दौरान प्रदोष काल के साथ ओवरलैप होता है। धनतेरस कब और कैसे मनाई जाती है? धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिवाली पर्व की शुरुआत मानी जाती है और इस दिन धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण और धातु की वस्तुएं खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। धनतेरस का पौराणिक महत्व क्या है? धनतेरस का पौराणिक महत्व समुद्र मंथन से जुड़ा है। कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण से इस दिन को धनतेरस कहा जाता है और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। साथ ही, धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है, जिससे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धनतेरस का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है? धनतेरस का धार्मिक महत्व भगवान धन्वंतरि और देवता कुबेर की पूजा से जुड़ा है। इस दौरान लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, धनतेरस एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व है। यह उत्सव धन और समृद्धि के प्रति श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है और समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है। धनतेरस की तैयारी कैसे होती है? धनतेरस की तैयारी में लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और विशेष पूजा सामग्री का प्रबंध करते हैं। बाजारों में विशेष रौनक होती है और लोग नए बर्तन, आभूषण और धातु की वस्तुएं खरीदते हैं। घरों को दीपों से सजाया जाता है और विशेष पकवान बनाए जाते हैं। धनतेरस का उत्सव कैसे मनाया जाता है? धनतेरस के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान धन्वंतरि और देवता कुबेर की पूजा करते हैं। इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नए बर्तन, आभूषण और धातु की वस्तुएं खरीदी जाती हैं। शाम को दीप जलाए जाते हैं और घरों को सजाया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में धनतेरस कैसे मनाई जाती है? भारत के विभिन्न हिस्सों में धनतेरस को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में भी इसे उतने ही उत्साह से मनाया जाता है। पश्चिम भारत में भी लोग भगवान धन्वंतरि और देवता कुबेर की पूजा करते हैं और नए बर्तन और आभूषण खरीदते हैं। धनतेरस का समग्र महत्व क्या है? धनतेरस केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, धनतेरस का उत्सव न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में भारतीयों द्वारा बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हमें अपने जीवन में खुशियों, समृद्धि और शांति की ओर अग्रसर करता है और समाज में एकजुटता और प्रेम का संदेश फैलाता है।

Recommendations

Shri Bhavani Ashtakam (श्री भवानी अष्टकम्)

श्री भवानी अष्टकम्: जगतगुरु आदि शंकराचार्य द्वारा रचित श्री भवानी अष्टकम् माँ भगवती के चरणों को समर्पित एक दिव्य और अद्भुत स्तोत्र है। यह स्तोत्र न केवल भक्तिमय है, बल्कि इसे पढ़ने या सुनने से प्रेम और श्रद्धा की अनुभूति होती है।
Ashtakam

Shri Devi Chandi Kavach (श्री देवी चण्डी कवच)

Chandi Kavach (चंडी कवच): Maa Chandi को Maa Durga का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है। जो भी साधक Chandi Kavach का नियमित पाठ करता है, उसे Goddess of War Maa Chandi की असीम कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस कवच के पाठ से साधक की आयु बढ़ती है और वह 100 वर्षों तक जीवित रह सकता है। Maa Chandi अपने भक्तों को Enemies, Tantra-Mantra और Evil Eye से बचाती हैं। इस कवच के निरंतर पाठ से जीवन की सारी Sorrows और Obstacles दूर होने लगती हैं। साधक को Happiness और Prosperity प्राप्त होती है।
Kavacha

Shri Kali Mahamantra (श्री काली महामंत्र)

श्री Kali Mahamantra अद्भुत divine energy से युक्त है, जो भय, नकारात्मकता और शत्रुओं का नाश करता है। यह spiritual chant व्यक्ति को आत्मविश्वास, शक्ति और रक्षा प्रदान करता है। Goddess Kali blessings पाने के लिए इस मंत्र का जाप अमावस्या, नवरात्रि, काली पूजा या किसी भी powerful spiritual event पर करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह मंत्र negative energy removal में सहायक होता है और साधक को मानसिक शांति देता है। Divine vibrations उत्पन्न करने वाला यह मंत्र बाधाओं को समाप्त कर सफलता दिलाने में सहायक होता है। यह protection mantra व्यक्ति के जीवन में शक्ति और साहस भरता है। ध्यान और साधना के दौरान इस sacred mantra का उच्चारण करने से गहरी आध्यात्मिक अनुभूति होती है। Positive aura उत्पन्न करने के लिए इसे रात में जपना अधिक प्रभावी माना जाता है।
MahaMantra

Shri Kamalapati Ashtakam (श्री कमलापति अष्टकम् )

श्री कमलापति अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है । कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु की स्तुति में रचित और गाया गया है। यह एक प्रार्थना है जो विष्णु को समर्पित है। विष्णु हमें सच्चा मार्ग दिखाते हैं और उस माया को दूर करते हैं जिसमें हम जीते हैं। यह अष्टकम स्तोत्र है, जिसे यदि पूर्ण भक्ति के साथ पढ़ा जाए तो यह मोक्ष या अंतिम मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है। कमलापत्य अष्टकम् भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे स्वामी ब्रह्मानंद द्वारा रचा गया है।
Ashtakam

Ekakshara Ganapati Kavacham (एकाक्षर गणपति कवचम्)

एकाक्षर गणपति कवचम्: एकाक्षर गणपति कवचम् भगवान गणेश की दिव्य उपस्थिति और सुरक्षा को बुलाने वाला एक शक्तिशाली कवच है। यह कवच एक अक्षर की शक्ति के साथ गणपति की महिमा को समाहित करता है, जो उनकी कृपा और संरक्षण प्रदान करता है। गणेश पूजा और एकाक्षर गणपति कवचम् का संगम: गणेश पूजा में एकाक्षर गणपति कवचम् का समावेश एक दिव्य संगति उत्पन्न करता है। यह पूजा में गणपति के आशीर्वाद और सुरक्षा ऊर्जा को आमंत्रित करने का प्रभावशाली माध्यम बनता है। इस कवच का पाठ गणपति की कृपा को प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका है, जिससे पूजा अधिक शुभ और फलदायक हो जाती है।
Kavacha

Panchdev Dhyaan Mantra (पंचदेव ध्यान मंत्र )

Panchdev Dhyaan Mantra का जाप करने से divine blessings, spiritual balance, और positive energy प्राप्त होती है। Panchdev में Lord Ganesha, Lord Shiva, Goddess Durga, Lord Vishnu, और Lord Surya की उपासना की जाती है, जिससे peace of mind, success in life, और protection from negative energy मिलती है। Om Gan Ganapataye Namah, Om Namah Shivaya, Om Dum Durgaye Namah, Om Namo Bhagavate Vasudevaya, और Om Suryaya Namah जैसे powerful Panchdev Mantra का जाप करने से good fortune, wealth prosperity, और mental strength प्राप्त होती है। विशेष रूप से Diwali, Navratri, Ganesh Chaturthi, Mahashivratri, और Makar Sankranti के दिन इन मंत्रों का जाप करने से success, health, and happiness मिलती है।
Dhayan-Mantra

Shri Narayana Ashtakam (श्री नारायण अष्टकम् )

श्री नारायण अष्टकम्: हिंदू मान्यता के अनुसार, श्री नारायण अष्टकम का नियमित जाप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है। सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए, श्री नारायण अष्टकम का पाठ सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने करना चाहिए। इसके प्रभाव को अधिकतम करने के लिए, पहले श्री नारायण अष्टकम का अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।
Ashtakam

Sankat Mochan Hanuman Ashtakam (संकट मोचन हनुमान अष्टकम्)

संकट मोचन हनुमान अष्टक, जिसे Hanuman Ashtak भी कहा जाता है, एक Devotional Hindi Bhajan है जो Lord Hanuman को समर्पित है। Sankat Mochan Hanuman Ashtakam ("Sankat Mochan Naam Tiharo") की रचना Mahakavi Tulsidas ने की थी, जो Hanuman Ji के महान Devotee थे। Ashtak या Ashtakam का अर्थ होता है Eight, और यह Prayer Lord Hanuman की Stuti (Praise) में Eight Verses में रची गई है, और इसके अंत में एक Doha आता है। अधिकांश Hanuman Ji Temples में, इस Sankat Mochan Hanuman Ashtak का Path (Chanting) Hanuman Chalisa के बाद किया जाता है। यह Mantra न केवल इसे Recite करने वाले व्यक्ति को Benefits प्रदान करता है, बल्कि उसके Family Members के लिए भी Auspicious होता है। यह Mantra Mental Peace प्रदान करता है और Family Harmony लाने में Helpful होता है। इस Mantra का Regular Chanting करने से Health Improvement होता है, चाहे वह Adults का हो या Kids का। कई मामलों में, यह Mantra Court Cases में Positive Results लाने में भी Helpful सिद्ध हुआ है। Sankat Mochan Hanuman Ashtak का Recitation व्यक्ति और उसके Loved Ones के Overall Well-being के लिए किया जाता है। यह सभी Obstacles को Remove करता है और किसी भी Field में Success प्राप्त करने में Supportive होता है।
Ashtakam