No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Avadash aarya Stuti (द्वादश आर्य स्तुति)
द्वादश आर्य स्तुति (Avadash aarya Stuti)
उद्यन्नद्यविवस्वानारोहन्नुत्तरां दिवं देवः ।
हृद्रोगं मम सूर्यो हरिमाणं चाऽऽशु नाशयतु ॥ 1 ॥
निमिषार्धेनैकेन द्वे च शते द्वे सहस्रे द्वे ।
क्रममाण योजनानां नमोऽस्तु ते नलिननाथाय ॥ 2 ॥
कर्मज्ञानखदशकं मनश्च जीव इति विश्वसर्गाय ।
द्वादशधा यो विचरति स द्वादशमूर्तिरस्तु मोदाय ॥ 3 ॥
त्वं हि यजूऋक्सामः त्वमागमस्त्वं वषट्कारः ।
त्वं विश्वं त्वं हंसः त्वं भानो परमहंसश्च ॥ 4 ॥
शिवरूपात् ज्ञानमहं त्वत्तो मुक्तिं जनार्दनाकारात् ।
शिखिरूपादैश्वर्यं त्वत्तश्चारोग्यमिच्छामि ॥ 5 ॥
त्वचि दोषा दृशि दोषाः हृदि दोषा येऽखिलेन्द्रियजदोषाः ।
तान् पूषा हतदोषः किञ्चिद्रोषाग्निना दहतु ॥ 6 ॥
धर्मार्थकाममोक्षप्रतिरोधानुग्रतापवेगकरान् ।
बन्दीकृतेन्द्रियगणान् गदान् विखण्डयतु चण्डांशुः ॥ 7 ॥
येन विनेदं तिमिरं जगदेत्य ग्रसति चरमचरमखिलम् ।
धृतबोधं तं नलिनीभर्तारं हर्तारमापदामीडे ॥ 8 ॥
यस्य सहस्राभीशोरभीशु लेशो हिमांशुबिम्बगतः ।
भासयति नक्तमखिलं भेदयतु विपद्गणानरुणः ॥ 9 ॥
तिमिरमिव नेत्रतिमिरं पटलमिवाऽशेषरोगपटलं नः ।
काशमिवाधिनिकायं कालपिता रोगयुक्ततां हरतात् ॥ 10 ॥
वाताश्मरीगदार्शस्त्वग्दोषमहोदरप्रमेहांश्च ।
ग्रहणीभगन्धराख्या महतीस्त्वं मे रुजो हंसि ॥ 11 ॥
त्वं माता त्वं शरणं त्वं धाता त्वं धनं त्वमाचार्यः ।
त्वं त्राता त्वं हर्ता विपदामर्क प्रसीद मम भानो ॥ 12 ॥
इत्यार्याद्वादशकं साम्बस्य पुरो नभःस्थलात्पतितम् ।
पठतां भाग्यसमृद्धिः समस्तरोगक्षयश्च स्यात् ॥ 13 ॥
इति श्रीसाम्बकृतद्वादशार्यासूर्यस्तुतिः ।
Related to Surya
Aditya Kavacha (आदित्य कवचम्)
आदित्य कवचम् भगवान सूर्य को समर्पित एक रक्षात्मक स्तोत्र है, जो स्वास्थ्य, शक्ति और समृद्धि के लिए दिव्य सुरक्षा और आशीर्वाद प्रदान करता है। इस स्तोत्र का जाप करने से नकारात्मक प्रभावों से बचाव होता है और ऊर्जा में वृद्धि होती है।Kavacha
Shri Surya Vandana (श्री सूर्य-वन्दना)
श्री सूर्य वंदना हिंदू धर्म में श्री सूर्य देवता की पूजा का पवित्र और महत्वपूर्ण स्तोत्र है। इसमें सूर्य देव, जिन्हें Aditya, Bhaskar, और Ravi भी कहा जाता है, को प्रकाश, ऊर्जा, जीवन, स्वास्थ्य, और सफलता का प्रतीक माना गया है। Surya Vandana के माध्यम से भक्त उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु, शक्ति, ज्ञान, और समृद्धि की कामना करते हैं। इसमें सूर्य देव को प्रकृति का आधार और जीवन का दाता मानकर उनकी स्तुति की जाती है।Vandana
Shri Surya Panjar Stotram (श्री सूर्य पञ्जर स्तोत्रम्)
श्री सूर्य पञ्जर स्तोत्रम् भगवान सूर्य (सूर्य देव) को समर्पित एक रक्षात्मक स्तोत्र है, जो स्वास्थ्य, ऊर्जा और सफलता प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इस स्तोत्र का जाप करने से समग्र कल्याण और समृद्धि के लिए सूर्य देव के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।Stotra
Bhagwan Surya Arti (भगवान् सूर्य की आरती)
भगवान सूर्य की आरती सूर्य देव की तेजस्विता, शक्ति, और ऊर्जा की स्तुति करती है। इसमें Surya Dev, जिन्हें Aditya, Bhaskar, और Ravi के नाम से भी जाना जाता है, को सभी ग्रहों के राजा, प्रकाश के स्रोत, और जीवन के दाता के रूप में पूजा जाता है। आरती में भगवान सूर्य से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद माँगा जाता है।Arti
Suryashtakam Stotra (सूर्याष्टकम् स्तोत्र)
Surya Ashtakam Stotra: भगवान सूर्य की उपासना के लिए रविवार का दिन उत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि सूर्य देव की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, उसे जीवन में किसी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।Stotra
Shri Surya Chalisa (श्री सूर्य चालीसा)
सूर्य चालीसा एक भक्ति गीत है जो भगवान सूर्यदेव पर आधारित है। सूर्य देवता को source of energy, health, और prosperity का प्रतीक माना जाता है। इस चालीसा का पाठ करने से confidence बढ़ता है, और health issues से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। Surya Mantra chanting और सूर्य को अर्घ्य देने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।Chalisa
Surya Stuti (सूर्य स्तुति)
Surya Stuti भगवान Surya (Sun God) की महिमा का वर्णन है, जो "Giver of Life" और "Source of Energy" के रूप में पूजित हैं। इस स्तुति का पाठ स्वास्थ्य, ऊर्जा और सकारात्मकता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान सूर्य को "Lord of Light" और "Healer of Diseases" के रूप में मान्यता दी गई है, जो अज्ञानता और अंधकार को दूर करते हैं। यह स्तुति "Solar Energy Prayer" और "Health and Vitality Hymn" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके नियमित पाठ से मानसिक शांति, शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। Surya Stuti को "Sun God Devotional Chant" और "Morning Prayer for Energy" के रूप में पढ़ने से जीवन में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।Stuti
Shri Surya Ashtakam (श्री सूर्य अष्टकम्)
Surya Ashtakam Stotra Path: सूर्य देव की पूजा-आराधना के लिए रविवार का दिन समर्पित होता है। सूर्य देव नवग्रहों के राजा, आरोग्य, बुद्धि, यश व समृद्धि के देवता कहलाते हैं। कहा जाता है कि कलयुगी संसार में सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं, जो साक्षात दिखाई पड़ते हैं। सूर्य देव की उपासना करने और अर्घ्य देने से व्यक्ति को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। रोजगार पाने की चाह रखने, मनचाही नौकरी नहीं मिल रही है, सरकारी नौकरी मिलने में कठिनाई आ रही है उन लोगों को प्रत्येक रविवार को सुबह स्नान करके सूर्याष्टकम का पाठ पूरे श्रद्धा व भक्ति भाव से करना चाहिए।Ashtakam