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Nitya Parayan Shloka (नित्य पारायण श्लोकाः)
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Arti Ki Vidhi (आरती की विधि)
देवी देवता की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूजा के बाद आरती जरूर करना चाहिए। बिना आरती किए पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। ग्रंथों और पुराणों में आरती से जुड़े कई नियम बताए गए हैं कि किस दिशा में दीपक रखें और कैसे करें आरती। "आरती को 'आरात्रिक' अथवा 'नीराजन' के नाम से भी पुकारा गया है। घर और मंदिर में आरती करने की विधि अलग अलग होती है। शंख-ध्वनि और घंटे-घड़ियाल आरती के प्रधान अंग हैं। प्राचीन काल में प्रभु की उपासना कई विधियों द्वारा की जाती रही है। जैसे संध्या वंदन, प्रात: वंदन, प्रार्थना, हवन, ध्यान, भजन, कीर्तन आदि। आरती पूजा के अंत में की जाती है।Puja-Vidhi
Mantra Pushpam (मंत्र पुष्पम् )
त्र पुष्पम्: यह एक वैदिक मंत्र संग्रह है जो प्रमुख रूप से धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग होता है।Mantra
Kshama Praarthana Mantra (क्षमा प्रार्थना मंत्र)
क्षमा प्रार्थना प्रायः दुर्गा सप्तशती (चण्डी पाठ) (सिद्धकुञ्जिका) के बाद देवी दुर्गा से क्षमा मांगने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है, जिसमें हम अपने द्वारा जाने-अनजाने में की गई गलतियों की क्षमा याचना करते हैं। क्षमा प्रार्थना के शब्द प्रस्तुत किए गए हैं।Mantra
Mala Jap Vidhi & Prakaar (माला जप विधि)
हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा करते समय देवी-देवतओं और ग्रह विशेष के लिए मंत्र जप का विधान है। पूजा में इस मंत्र को जपने के लिए विभिन्न प्रकार की माला का प्रयोग किया जाता है। सनातन परंपरा में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा के लिए अलग-अलग माला से जप करने का विधान बताया गया है।Puja-Vidhi
Shanti Mantra (शांति मंत्रम्)
शांति मंत्रम्: यह वैदिक मंत्र शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक कल्याण के लिए जपा जाता है।Mantra
Aparadha Kshamapana Stotram (अपराध क्षमापण स्तोत्रम्)
अपराध क्षमापण स्तोत्रम्: यह स्तोत्र देवी से अपने अपराधों की क्षमा मांगने के लिए है।Stotra
Shri Bhagavati Stotra (श्रीभगवतीस्तोत्रम्)
देवी भगवती ममतामयी हैं। वे अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाती हैं। जिस प्रकार माता अपने पुत्रों पर सदैव स्नेह रखती है, उसी प्रकार देवी अपनी शरण में आए धर्मात्मा लोगों का कल्याण करती हैं। श्री भगवती देवी शक्ति, देवी भगवती, दुर्गा की स्तुति कहलाने वाला पवित्र ग्रंथ है। देवी भगवती देवी दुर्गा को समर्पित है। श्री भगवती स्तोत्र व्यास जी द्वारा रचित है। दुर्गा सप्तशती में इसका वर्णन किया गया है, यह अत्यंत बहुविध एवं परम कल्याणकारी स्तोत्र है। जो व्यक्ति संपूर्ण दुर्गा सप्तशती नहीं पढ़ सकते, वे ही श्री भगवती स्तोत्र का पाठ करें तो भी संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का फल प्राप्त होता है।Stotra
Adhyayan Mantra (अध्ययन मंत्र)
अध्ययन मंत्र विद्या (Knowledge) और बुद्धि (Wisdom) प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाने वाला पवित्र मंत्र है। यह मंत्र सरस्वती देवी (Goddess of Learning) की कृपा प्राप्त कर मनोयोग (Focus) और स्मरण शक्ति (Memory Power) बढ़ाने में सहायक है। इसके जाप से व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा (Spiritual Energy) और आत्मविश्वास (Confidence) मिलता है, जो शिक्षा (Education) और सफलता (Success) की ओर मार्गदर्शन करता है। अध्ययन मंत्र छात्र और साधकों के लिए प्रेरणा और सकारात्मकता (Positivity) का स्रोत है।Mantra