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Lakshmi Nrusimha Karavalamba Stotram || लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम् : Full Lyrics in Sanskrit
Lakshmi Nrusimha Karavalamba Stotram (लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम्)
लक्ष्मी नरसिंह करावलम्ब स्तोत्रम् (Lakshmi Nrusimha Karavalamba Stotram) भगवान नरसिंह देव (God Narasimha) की कृपा पाने और नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) से बचने के लिए अत्यंत प्रभावी है। यह स्तोत्रम् भक्तों को संरक्षण (divine protection) प्रदान करता है और उनके जीवन से कष्टों (hardships) को दूर करता है। लक्ष्मीपति विष्णु (Lakshmipati Vishnu) की आराधना करने से धन संपत्ति (wealth prosperity) और आध्यात्मिक उन्नति (spiritual growth) प्राप्त होती है। यह स्तोत्रम् पापों से मुक्ति (freedom from sins) दिलाने वाला और ईश्वरीय अनुग्रह (divine grace) देने वाला माना जाता है। इसके नियमित पाठ से भक्तों को सफलता और शांति (success and peace) प्राप्त होती है। कलियुग के दोषों (Kali Yuga Dosha) से बचने और मोक्ष प्राप्ति के लिए यह अत्यंत फलदायी है।लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम्
(Lakshmi Nrusimha Karavalamba Stotram)
श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणे भोगींद्रभोगमणिराजित पुण्यमूर्ते ।
योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोत लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 1 ॥
ब्रह्मेंद्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटि संघट्टितांघ्रिकमलामलकांतिकांत ।
लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 2 ॥
संसारदावदहनाकरभीकरोरु-ज्वालावलीभिरतिदग्धतनूरुहस्य ।
त्वत्पादपद्मसरसीरुहमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 3 ॥
संसारजालपतिततस्य जगन्निवास सर्वेंद्रियार्थ बडिशाग्र झषोपमस्य ।
प्रोत्कंपित प्रचुरतालुक मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 4 ॥
संसारकूमपतिघोरमगाधमूलं संप्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य ।
दीनस्य देव कृपया पदमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 5 ॥
संसारभीकरकरींद्रकराभिघात निष्पीड्यमानवपुषः सकलार्तिनाश ।
प्राणप्रयाणभवभीतिसमाकुलस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 6 ॥
संसारसर्पविषदिग्धमहोग्रतीव्र दंष्ट्राग्रकोटिपरिदष्टविनष्टमूर्तेः ।
नागारिवाहन सुधाब्धिनिवास शौरे लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 7 ॥
संसारवृक्षबीजमनंतकर्म-शाखायुतं करणपत्रमनंगपुष्पम् ।
आरुह्य दुःखफलितः चकितः दयालो लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 8 ॥
संसारसागरविशालकरालकाल नक्रग्रहग्रसितनिग्रहविग्रहस्य ।
व्यग्रस्य रागनिचयोर्मिनिपीडितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 9 ॥
संसारसागरनिमज्जनमुह्यमानं दीनं विलोकय विभो करुणानिधे माम् ।
प्रह्लादखेदपरिहारपरावतार लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 10 ॥
संसारघोरगहने चरतो मुरारे मारोग्रभीकरमृगप्रचुरार्दितस्य ।
आर्तस्य मत्सरनिदाघसुदुःखितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 11 ॥
बद्ध्वा गले यमभटा बहु तर्जयंत कर्षंति यत्र भवपाशशतैर्युतं माम् ।
एकाकिनं परवशं चकितं दयालो लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 12 ॥
लक्ष्मीपते कमलनाभ सुरेश विष्णो यज्ञेश यज्ञ मधुसूदन विश्वरूप ।
ब्रह्मण्य केशव जनार्दन वासुदेव लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 13 ॥
एकेन चक्रमपरेण करेण शंख-मन्येन सिंधुतनयामवलंब्य तिष्ठन् ।
वामेतरेण वरदाभयपद्मचिह्नं लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 14 ॥
अंधस्य मे हृतविवेकमहाधनस्य चोरैर्महाबलिभिरिंद्रियनामधेयैः ।
मोहांधकारकुहरे विनिपातितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 15 ॥
प्रह्लादनारदपराशरपुंडरीक-व्यासादिभागवतपुंगवहृन्निवास ।
भक्तानुरक्तपरिपालनपारिजात लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 16 ॥
लक्ष्मीनृसिंहचरणाब्जमधुव्रतेन स्तोत्रं कृतं शुभकरं भुवि शंकरेण ।
ये तत्पठंति मनुजा हरिभक्तियुक्ता-स्ते यांति तत्पदसरोजमखंडरूपम् ॥ 17 ॥
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Lakshmi Puja Vidhi (लक्ष्मी पूजा विधि)
Goddess Lakshmi Puja के लिए सबसे पहले clean altar पर Lakshmi Mata और Lord Ganesha की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। Kalash Sthapana करें, जिसमें Ganga Jal, betel leaves, coins, और rice grains डालें। फिर incense sticks, diya lighting, और fresh flowers अर्पित कर Shodashopachara Puja विधि से Goddess Lakshmi की पूजा करें। Kumkum, turmeric, sandalwood paste, और sweets अर्पित करने से divine blessings प्राप्त होती हैं। पूजा के दौरान Lakshmi Gayatri Mantra, Shri Sukta, और Kanakdhara Stotra का पाठ करना शुभ माना जाता है, जिससे financial prosperity और wealth abundance प्राप्त होती है। विशेष रूप से Diwali, Dhanteras, Sharad Purnima, Akshaya Tritiya, Kojagari Purnima, और Navratri पर Lakshmi Puja करना अत्यंत शुभ होता है। इन अवसरों पर Goddess Lakshmi की कृपा से luck, prosperity, और success in career प्राप्त होती है। New Business Opening, Housewarming Ceremony, और Financial Year Beginning पर भी यह पूजा करने से positive energy और monetary benefits मिलते हैं।Puja-Vidhi
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श्री सूक्त का पाठ करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे मां लक्ष्मी की अराधना करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। श्री यंत्र के सामने श्री सूक्त का पाठ किया जाता है। इस मंत्र में श्री सूक्त के पंद्रह छंदों में अक्षर, शब्दांश और शब्दों के उच्चारण से अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी के ध्वनि शरीर का निर्माण किया जाता है। श्रीसूक्त ऋग्वेद के पांचवे मण्डल के अन्त में होता है। सुक्त में मंत्रों की संख्या पन्द्रह है। सोलहवें मंत्र में फलश्रुति है।Sukt
Shri Kamakshi Stuti (श्री कामाक्षी स्तुति)
Shri Kamakshi Stuti (श्री कामाक्षी स्तुति) देवी Kamakshi, जो कि Goddess of Compassion and Supreme Power मानी जाती हैं, उनकी stuti का recitation करने से भक्तों को divine blessings प्राप्त होती हैं। Shri Kamakshi Stuti का पाठ विशेष रूप से उन साधकों के लिए लाभकारी माना जाता है जो spiritual upliftment, wisdom, और prosperity की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि Kamakshi Devi की आराधना से fear, negative energies, और karmic obstacles दूर हो जाते हैं और जीवन में peace, harmony, और success आती है। इस sacred stuti का chanting प्रातःकाल या संध्या के समय clean and calm environment में करने से mind और soul शुद्ध होते हैं तथा साधक की mental strength बढ़ती है। Shri Kamakshi Stuti का devotional recitation करने से देवी की grace शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में positivity का संचार होता है।Stuti