Hariyali Teej (हरियाली तीज) Date:- 07.08.2024

Hariyali Teej (हरियाली तीज) 2024 Date:- 07.08.2024 हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त, 2024 को रात्रि 07:52 PM मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 7 अगस्त, 2024 को रात्रि 10 बजे होगा। पंचांग को देखते हुए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। ऐसे में व्रती इस दिन अपने शुभ व्रत का पालन करें। Subh Muhurat (पूजा का शुभ मुहूर्त) हरियाली तीज की पूजा सुबह 06 बजे से लेकर 09 बजे तक के बीच होगी। इसके बाद सुबह 10:30AM मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक इसकी पूजा की जा सकती है। वहीं, शाम की पूजा शाम 4:30 PM से 06 बजे तक के बीच होगी। पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए यह उत्तम समय माना जा रहा है। इसलिए इस समय पूजा करने की कोशिश करें।हरियाली तीज कब और कैसे मनाई जाती है? हरियाली तीज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया (जुलाई-अगस्त) को मनाई जाती है। यह त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और बिहार में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से सज-धज कर झूले झूलती हैं, मेंहदी लगाती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। हरियाली तीज का पौराणिक महत्व क्या है? हरियाली तीज का पौराणिक महत्व भगवान शिव और माता पार्वती की कथा से जुड़ा है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस दिन को उनके मिलन के रूप में मनाया जाता है। हरियाली तीज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है? हरियाली तीज का धार्मिक महत्व भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से जुड़ा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और विशेष पूजा करती हैं। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, हरियाली तीज एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व है। यह महिलाओं के लिए एक विशेष अवसर है जिसमें वे अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर उत्सव मनाती हैं। इस दिन नृत्य, संगीत और लोक गीतों का आयोजन किया जाता है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता को दर्शाता है। हरियाली तीज की तैयारी कैसे होती है? हरियाली तीज की तैयारी में महिलाएं विशेष रूप से भाग लेती हैं। वे अपने घरों को सजाती हैं, मेंहदी लगाती हैं और नए वस्त्र धारण करती हैं। इस दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हरियाली तीज का उत्सव कैसे मनाया जाता है? हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और व्रत रखती हैं। दिन भर वे झूले झूलती हैं, लोक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। इस दिन विशेष भोग बनाकर भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित किया जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भारत के विभिन्न हिस्सों में हरियाली तीज कैसे मनाई जाती है? भारत के विभिन्न हिस्सों में हरियाली तीज को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि पश्चिम और दक्षिण भारत में भी इसे उतने ही उत्साह से मनाया जाता है। हरियाली तीज का समग्र महत्व क्या है? हरियाली तीज केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और महिलाओं के बीच प्रेम, भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, हरियाली तीज का उत्सव न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में भारतीयों द्वारा बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हमें अपने जीवन में खुशियों, समृद्धि और शांति की ओर अग्रसर करता है और समाज में एकजुटता और प्रेम का संदेश फैलाता है।

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Hari Sharan Ashtakam (हरि शरण अष्टकम): हरी शरण अष्टकम Lord Hari या Mahavishnu को समर्पित एक Ashtakam है। Mahabharata के Vishnu Sahasranama Stotra में "Hari" नाम Vishnu का 650वां नाम है। संस्कृत शब्द 'Sharanam' का अर्थ है Shelter। यह मंत्र हमें Hari's Shelter में लाने की प्रार्थना करता है, जो Place of Refuge है। Hari's Protection का आशीर्वाद सभी Anxieties को दूर कर देता है। Hari Sharan Ashtakam Stotra Prahlad द्वारा Lord Hari की Praise में रचित और गाया गया था। यह प्रार्थना Vishnu को Hari के रूप में समर्पित है। Hari का अर्थ है वह जो आपको True Path दिखाते हैं और उस Illusion (Maya) को दूर करते हैं जिसमें आप जी रहे हैं। यदि इस Stotra का सच्चे मन और Devotion के साथ पाठ किया जाए, तो यह व्यक्ति को Moksha (Ultimate Liberation) के मार्ग पर स्थापित कर सकता है। Hari Vedas, Guru Granth Sahib, और South Asian Sacred Texts में Supreme Absolute का एक नाम है। Rigveda's Purusha Suktam (जो Supreme Cosmic Being की Praise करता है), में Hari God (Brahman) का पहला और सबसे महत्वपूर्ण नाम है। Yajurveda's Narayan Suktam के अनुसार, Hari और Purusha के बाद Supreme Being का वैकल्पिक नाम Narayan है। Hindu Tradition में, Hari और Vishnu को एक-दूसरे के समान माना जाता है। Vedas में, किसी भी Recitation के पहले "Hari Om" Mantra का उच्चारण करने का नियम है, ताकि यह घोषित किया जा सके कि हर Ritual उस Supreme Divine को समर्पित है, भले ही वह किसी भी Demi-God की Praise क्यों न हो। Hinduism में, किसी भी God's Praise Song को "Hari Kirtan" कहा जाता है और Storytelling को "Hari Katha" के रूप में जाना जाता है।
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नारायणीयं का बयासीवां दशक भगवान विष्णु के अनंत रूपों और उनकी सर्वव्यापकता का वर्णन करता है। इस दशक में भगवान की सर्वव्यापकता और उनके विभिन्न रूपों के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान किया गया है। भक्त भगवान की अनंत कृपा और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं।
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