No festivals today or in the next 14 days. 🎉
Belapatr Belapatr Chadhaane ka Mantra || बेलपत्र बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र : Sacred Chant for Offering Bel Leaves to Lord Shiva
Belapatr Belapatr Chadhaane ka Mantra (बेलपत्र बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र)
Belapatr Chadhaane ka Mantra भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो "Lord of the Universe" और "Supreme Divine Being" के रूप में पूजित हैं। बेलपत्र, जो शिव जी को अत्यंत प्रिय हैं, उनके "Divine Power" और "Cosmic Energy" का प्रतीक माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के "Grace and Blessings" को आकर्षित करता है, जो जीवन में "Positive Energy" और "Cosmic Protection" का संचार करते हैं। इसका नियमित जाप करने से मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और "Victory over Obstacles" मिलती है। Belapatr Chadhaane ka Mantra को "Shiva's Blessings Chant" और "Sacred Prayer for Prosperity" के रूप में भी माना जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार के संकट और रुकावटों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली "Divine Shield" का कार्य करता है। यह पूजा "Spiritual Awakening" और "Divine Guidance" के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। शिवजी के इस मंत्र का जाप करके भक्त उनके "Divine Protection" और "Cosmic Peace" को अनुभव करते हैं।|| बेलपत्र बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र ||
(Belapatr Belapatr Chadhaane ka Mantra)
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो
दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम् ।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् ।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम् ।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर ।
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय ॥
Related to Shiv
Dwadash Jyotirlinga Stotram (द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्)
Dwadash Jyotirlinga Stotram भगवान Shiva के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव को "Destroyer of Evil" और "Supreme Protector" के रूप में आदरपूर्वक स्मरण करता है। इसमें सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, रामेश्वरम, और अन्य ज्योतिर्लिंगों की "Sacred Sites of Shiva" के रूप में स्तुति की गई है। यह स्तोत्र "Shiva Devotional Hymn" और "Spiritual Protection Chant" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके नियमित पाठ से जीवन में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। Dwadash Jyotirlinga Stotram को "Hymn for 12 Jyotirlingas" और "Prayer for Divine Blessings" के रूप में पढ़ने से भक्त का मनोबल और विश्वास बढ़ता है।Stotra
Daridraya Dahan Shiva Stotram (दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्रम्)
Daridraya Dahan Shiva Stotram भगवान Lord Shiva की कृपा प्राप्त करने वाला एक Powerful Hindu Stotra है। इसका पाठ करने से Shiva Devotees को Wealth, Prosperity, and Abundance की प्राप्ति होती है। इस Sacred Hymn का नियमित जाप Financial Problems और दरिद्रता को नष्ट करता है। Shiva Mantra Chanting से जीवन में Positive Energy और सौभाग्य बढ़ता है। Lord Shiva Worship करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह Auspicious Stotra साधकों को समृद्धि और मोक्ष का मार्ग प्रदान करता है।Stotra
Rudrasukt (रुद्रसूक्त)
आदिपुरुष भगवान् सदाशिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्रसूक्त के पाठ का विशेष महत्व है। भगवान शिव के पूजन में रुद्राभिषेक की परम्परा है, जिसमें रुद्रसूक्त का ही प्रमुखता से उच्चारण किया जाता है। रुद्राभिषेक के अन्तर्गत रुद्राष्टाध्यायी के पाठ में ग्यारह बार रुद्रसूक्त का उच्चारण करने पर ही पूर्ण रुद्राभिषेक माना जाता है। 'रुद्रसूक्त' आध्यात्मिक (spiritual), आधिदैविक (divine) एवं आधिभौतिक- त्रिविध तापों से मुक्त कराने तथा अमृतत्व (eternal bliss) की ओर अग्रसर करने का अन्यतम उपाय है।Sukt
Anand Lahari (आनन्द लहरि)
आनन्द लहरि एक आध्यात्मिक भजन है जो भगवान शिव की स्तुति में गाया जाता है, जो उनकी कृपा और आनंद को व्यक्त करता है।Lahari
Nirvana Shatkam (निर्वाण षट्कम्)
निर्वाण षट्कम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक श्लोक है, जो आत्मा के शुद्ध स्वरूप और मोक्ष के विषय में जागरूकता लाता है।Shatakam
Shri Shiv Sukti (श्री शिव सूक्ति)
श्री शिव सुक्ति एक दिव्य ग्रंथ है जो महादेव (Supreme God) की महिमा और उनकी अलौकिक शक्ति (Divine Power) का वर्णन करता है। इसमें भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कृपा, और उनके सृष्टि संचालन (Cosmic Creation) के महत्व को दर्शाया गया है। शिव को "योगेश्वर" (Master of Yoga) और आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom) के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ शिव की स्तुति, मंत्रों (Mantras), और ध्यान के माध्यम से व्यक्ति को आत्मिक शांति (Inner Peace) और मुक्ति (Liberation) प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। शिव भक्तों (Devotees) के लिए यह ग्रंथ एक प्रेरणास्त्रोत (Source of Inspiration) है, जो उन्हें शिव की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) और समृद्धि का अनुभव करने में मदद करता है। इसमें शिवलिंग (Shivling) की पूजा, रुद्राक्ष (Rudraksha) के महत्व, और शिव भक्ति (Devotion) के प्रभाव को सरल और प्रभावशाली तरीके से बताया गया है। श्री शिव सुक्ति का संदेश हर युग में प्रासंगिक है और यह शिव के प्रति आस्था (Faith) और धर्म (Righteousness) के मार्ग को प्रेरित करता है।Sukti
Shata Rudriyam (शत रुद्रीयम्)
Shata Rudriyam भगवान शिव के "Divine Glory" और "Supreme Power" का आह्वान करता है, जिन्हें "Lord of the Universe" और "Destroyer of Evil" के रूप में पूजा जाता है। यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र भगवान शिव की "Cosmic Energy" और "Divine Protection" को प्राप्त करने का एक विशेष उपाय है। Shata Rudriyam का जाप "Divine Blessings Prayer" और "Shiva Worship Chant" के रूप में किया जाता है। यह मंत्र भगवान शिव की "Grace and Mercy" को आकर्षित करता है, जो जीवन में "Positive Energy" और "Protection from Negativity" का संचार करता है। Shata Rudriyam से भगवान शिव की "Divine Protection" प्राप्त होती है, जिससे भक्तों को हर प्रकार की कठिनाई और संकट से मुक्ति मिलती है।Shloka-Mantra
Bhagwan Shri Shankar Arti (भगवान् श्री शंकर की आरती )
जयति जयति जग-निवास भगवान शंकर की सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसमें Shankar या Shiva, जिन्हें Lord of the Universe कहा जाता है, के प्रति असीम भक्ति और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।Arti