Kumbha Sankranti (कुम्भ संक्रान्ति) Date:- 2025-02-12

कुम्भ संक्रान्ति 12वाँ फरवरी 2025 Wednesday / बुधवार कुम्भ संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त कुम्भ संक्रान्ति बुधवार, फरवरी 12, 2025 को कुम्भ संक्रान्ति पुण्य काल - 12:35 पी एम से 06:09 पी एम अवधि - 05 घण्टे 34 मिनट्स कुम्भ संक्रान्ति महा पुण्य काल - 04:18 पी एम से 06:09 पी एम अवधि - 01 घण्टा 51 मिनट्स कुम्भ संक्रान्ति का क्षण - 10:04 पी एम कुम्भ संक्रान्ति मुहूर्त संक्रान्ति करण: बालव संक्रान्ति दिन: Wednesday / बुधवार संक्रान्ति अवलोकन दिनाँक: फरवरी 12, 2025 संक्रान्ति गोचर दिनाँक: फरवरी 12, 2025 संक्रान्ति का समय: 10:04 पी एम, फरवरी 12 संक्रान्ति घटी: 39 (रात्रिमान) संक्रान्ति चन्द्रराशि: सिंह Simha संक्रान्ति नक्षत्र: मघा (उग्र संज्ञक)कुम्भ संक्रान्ति Kumbh Sankranti, Hindu solar calendar में ग्यारहवें माह के आरम्भ का प्रतीक है। वर्ष की सभी बारह Sankrantis, donation और good deeds हेतु अत्यधिक शुभ होती हैं। प्रत्येक संक्रान्ति के समय से पूर्व अथवा उपरान्त की एक निश्चित समयावधि ही संक्रान्ति से सम्बन्धित गतिविधियों के लिये विशेष auspicious मानी जाती है। Kumbh Sankranti के समय, संक्रान्ति क्षण से पूर्व sixteen ghatis की समयावधि को अत्यन्त शुभ माना जाता है तथा संक्रान्ति से sixteen ghatis पूर्व से लेकर संक्रान्ति काल तक का समय समस्त प्रकार की charity, rituals, और good deeds हेतु स्वीकार किया जाता है। Kumbh Sankranti काल में feeding cows को अत्यन्त auspicious फलदायी माना जाता है। इसके अतिरिक्त Ganga Snan तथा विशेष रूप से Triveni Sangam, Prayagraj, में स्नान करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है। Southern India में संक्रान्ति को सङ्क्रमण (Sankraman) कहा जाता है।

Recommendations

Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram (श्री वेंकटेश्वर वज्र कवच स्तोत्रम्)

Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram भगवान श्री वेंकटेश्वर की "Divine Protection" और "Supreme Power" का आह्वान करता है, जो "Lord of the Universe" और "Divine Protector" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से भगवान वेंकटेश्वर की "Invincible Shield" और "Cosmic Energy" को शक्ति प्रदान करता है। Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram का पाठ "Spiritual Protection Mantra" और "Divine Shield Prayer" के रूप में किया जाता है। इसके जाप से व्यक्ति को "Inner Peace" और "Mental Strength" प्राप्त होती है। यह स्तोत्र "Blessings of Lord Venkateshwara" और "Victory Prayer" के रूप में प्रभावी है। इसके नियमित पाठ से जीवन में "Positive Energy" का प्रवाह होता है, और व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा मिलती है। Shri Venkateshwara Vajra Kavacha Stotram को "Divine Protection Prayer" और "Spiritual Awakening Chant" के रूप में पढ़ने से जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
Kavacha

Shri Govindashtakam (श्रीगोविन्दाष्टकम्)

ये श्लोक भगवान श्री कृष्ण, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, की स्तुति में लिखे गए हैं। यहां मंत्रों के हिंदी और अंग्रेजी पाठ के साथ उनका अर्थ (in English) भी दिया गया है। गोविंदाष्टकम में 8 श्लोक हैं और इसे आदि शंकराचार्य द्वारा रचा गया था।
Stotra

Shri Gorakh Chalisa (श्री गोरख चालीसा)

गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने से गुरु गोरखनाथ की कृपा प्राप्त होती है। इस चालीसा के अनुसार, जो भी इसका 12 बार पाठ करता है, उसकी सभी desires पूरी होती हैं। गोरखनाथ बाबा की पूजा से spiritual growth, mental peace, और protection from negativity मिलती है।
Chalisa

Maha Lakshmyashtakam Strotra (महालक्ष्म्यष्टकम्)

महालक्ष्मी अष्टकम देवराज इन्द्र द्वारा रचित माता लक्ष्मी को समर्पित एक स्तोत्र है, इसका उल्लेख पद्म पुराण में हुआ है। इस स्तोत्र के नियमित पाठ से साधक महालक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य संपन्न हो जाता है, उसके महान पातकों और शत्रुओं का नाश हो जाता है।
Stotra

Panjchayatan Aarti (पञज्चायतन आरती)

पञज्चायतन आरती में पाँच प्रमुख देवताओं - भगवान शिव, भगवान विष्णु, भगवान गणेश, देवी दुर्गा, और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। यह आरती सभी देवी-देवताओं की महिमा का वंदन करती है और भक्तों को संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति से जोड़ती है।
Arti

Bhagavad Gita fifth chapter (भगवद गीता पांचवां अध्याय)

भगवद गीता पांचवां अध्याय "कर्म-वैराग्य योग" कहलाता है। इसमें श्रीकृष्ण बताते हैं कि त्याग और कर्म के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। वे सिखाते हैं कि जब व्यक्ति फल की इच्छा छोड़े बिना कर्म करता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह अध्याय हमें "कर्मयोग" और "सन्यास" के बीच संतुलन बनाने का मार्ग दिखाता है।
Bhagwat-Gita

Shri Devi Vandana (श्री देवी-वन्दना)

श्री देवी वंदना में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की स्तुति की जाती है। यह वंदना माँ के शक्ति, ज्ञान, करुणा और रक्षा करने वाले गुणों का गुणगान करती है। Goddess Durga, जिन्हें Jagat Janani, Adishakti, और Mahamaya के रूप में पूजा जाता है, उनके अनंत स्वरूप भक्तों को संकटों से मुक्ति और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
Vandana

Durga saptashati(दुर्गा सप्तशती) 8 chapter(आठवाँ अध्याय)

दुर्गा सप्तशती एक हिन्दु धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती को देवी महात्म्य, चण्डी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें 700 श्लोक हैं, जिन्हें 13 अध्यायों में बाँटा गया है। दुर्गा सप्तशती का अष्टम अध्याय "रक्तबीज वध" पर आधारित है।
Durga-Saptashati