Bhishma Ashtami (भीष्म अष्टमी) Date:- 2025-02-05

भीष्म अष्टमी 5वाँ फरवरी 2025 Wednesday / बुधवार भीष्म अष्टमी समय भीष्म अष्टमी बुधवार, फरवरी 5, 2025 को मध्याह्न समय - 11:30 ए एम से 01:41 पी एम अवधि - 02 घण्टे 11 मिनट्स अष्टमी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 05, 2025 को 02:30 ए एम बजे अष्टमी तिथि समाप्त - फरवरी 06, 2025 को 12:35 ए एम बजेभीष्म अष्टमी Magha Shukla Ashtami, भीष्म पितामह की पुण्यतिथि है। Bhishma Pitamah, महान भारतीय epic Mahabharata के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक हैं। इसलिये उनकी पुण्यतिथि को Bhishma Ashtami के रूप में जाना जाता है। Bhishma Pitamah ने आजीवन celibacy vow ली तथा जीवन पर्यन्त उसका पालन किया। अपने पिता के प्रति उनकी loyalty and dedication के कारण, Bhishma Pitamah को अपनी death timing चुनने का वरदान प्राप्त हुआ था। Mahabharata war में गंभीर रूप से घायल होने के पश्चात् भी Bhishma Pitamah ने अपने वरदान के कारण अपनी देह का त्याग नहीं किया। उन्होंने अपनी body relinquishment के लिये शुभः मुहूर्त की प्रतीक्षा की। Hindu beliefs के अनुसार, Surya Dev (Sun God) वर्ष में आधे समय southern direction (Dakshinayan) में चले जाते हैं, जो कि inauspicious period मानी जाती है। इसलिये सभी प्रकार के auspicious activities को इस समयावधि के लिये स्थगित कर दिया जाता है। जब Surya Dev उत्तर दिशा में वापस आने लगते हैं, तब इन शुभः कार्यों का आयोजन किया जाता है। Bhishma Pitamah ने अपनी देह त्यागने के लिये Magha Shukla Ashtami को चुना, क्योंकि इस समय तक Sun God उत्तर दिशा अथवा Uttarayan में वापस जाने लगे थे। इस दिन लोग Bhishma Pitamah के लिये Ekodisht Shraddha करते हैं। इस Shraddha ritual का सुझाव उन लोगों के लिये दिया गया है, जिनके fathers have passed away। हालाँकि, कई लोग यह मानते हैं कि, Bhishma Pitamah Shraddha ritual कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहें उसके पिता जीवित हों अथवा मृत।

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बजरंग बाण एक शक्तिशाली भक्ति गीत है जो विशेष रूप से हनुमान जी की शक्तियों और उनके द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा पर आधारित है। Hanuman mantra for protection के साथ यह गीत भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से बचाता है। Bajrang Ban का पाठ करते हुए भक्तों को strength और power का अनुभव होता है, जो उन्हें जीवन के कठिन समय में सहारा देता है।
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Shri Vindhyeshwari Ji Arti (श्री विन्ध्येश्वरी जी की आरती)

श्री विंध्येश्वरी जी की आरती माँ Vindhyeshwari के divine form और spiritual powers की स्तुति है। इस आरती में देवी Vindhyavasini, Durga, और Mahashakti की glory, grace, और भक्तों पर होने वाले blessings का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्तों को spiritual growth, happiness, prosperity, और peace की प्राप्ति की प्रेरणा देती है। माँ Vindhyeshwari, जिन्हें Jagadamba, Shakti Swaroopini, और Durga Mata के नाम से भी जाना जाता है, उनकी पूजा भक्तों को divine protection, mental peace, और positive energy प्रदान करती है। भक्तगण माँ Vindhyavasini की इस आरती के माध्यम से देवी की कृपा प्राप्त करते हैं, जो inner strength, faith, और devotional bliss प्रदान करती है।
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