Ratha Saptami (रथ सप्तमी) Date:- 2025-02-04

रथ सप्तमी 4वाँ फरवरी 2025 Tuesday / मंगलवार रथ सप्तमी मुहूर्त रथ सप्तमी मंगलवार, फरवरी 4, 2025 को रथ सप्तमी के दिन स्नान मुहूर्त - 05:23 ए एम से 07:08 ए एम अवधि - 01 घण्टा 45 मिनट्स रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय - 06:43 ए एम रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - 07:08 ए एम सप्तमी तिथि प्रारम्भ - फरवरी 04, 2025 को 04:37 ए एम बजे सप्तमी तिथि समाप्त - फरवरी 05, 2025 को 02:30 ए एम बजे रथ सप्तमी सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है। माघ माह की शुक्ल पक्ष सप्तमी को रथ सप्तमी अथवा माघ सप्तमी के रूप में जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य देव ने रथ सप्तमी के दिन से समस्त संसार को प्रकाशित करना प्रारम्भ किया था, जिसे भगवान सूर्य का जन्म दिवस माना जाता था। अतः रथ सप्तमी को सूर्य जयन्ती के रूप में भी जाना जाता है। रथ सप्तमी अत्यधिक शुभः दिन है तथा इस पावन अवसर को सूर्यग्रहण के समान ही दान-पुण्य आदि गतिविधियों के लिये अत्यन्त शुभः माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने तथा व्रत का पालन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार, रथ सप्तमी के अवसर पर सूर्यदेव की पूजा करने से ज्ञात, अज्ञात, शाब्दिक, शारीरिक, मानसिक, वर्तमान जन्म तथा पूर्व जन्मों में किये हुये, यह सात प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। रथ सप्तमी पर अरुणोदय काल (Arunodaya Kaal) में स्नान करना चाहिये। Rath Saptami Snan महत्वपूर्ण rituals में से एक है तथा इसे मात्र Arunodaya Kaal में ही करने का सुझाव दिया गया है। Arunodaya की अवधि sunrise से पूर्व चार ghati के लिये होती है। यदि हम एक ghati की अवधि को 24 मिनट मानते हैं, तो भारतीय स्थानों के लिये Arunodaya period लगभग डेढ़ घंटे की होती है। Sunrise से पूर्व Arunodaya Kaal में स्नान करने से मनुष्य healthy एवं सभी प्रकार के diseases से मुक्त रहता है। इसी मान्यता के कारण, Rath Saptami को आरोग्य सप्तमीे े(Arogya Saptami) के नाम से भी जाना जाता है। इस अवसर पर घर पर स्नान करने की अपेक्षा river, canal आदि water sources में स्नान करने को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। स्नान करने के पश्चात sunrise के समय Lord Surya को अर्घ्यदान (Arghyadaan/strong> अर्पित करके, उनका worship करना चाहिये। Lord Surya की ओर मुख करके, Namaskar Mudra में हाथ जोड़कर एक छोटे Kalash से धीरे-धीरे Lord Surya को water offering करते हुये Arghyadaan किया जाता है। Arghyadaan के पश्चात, pure ghee का lamp प्रज्वलित करना चाहिये तथा camphor, incense एवं red flowers से Surya Dev की pooja करनी चाहिये। Morning bath, charity तथा offering Arghyadaan to Surya Dev करने से longevity, good health तथा prosperity प्राप्त होती है। Rath Saptami को अचला सप्तमी (Achala Saptami) के नाम से भी जाना जाता है।

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