Nag Panchami (नाग पंचमी) Date :- 09.08.2024

Nag Panchami (नाग पंचमी) 2024 Date :- 09.08.2024 Time :- 12:36 AM on Aug 09, 2024 to 03:14 AM on Aug 10, 2024 Nag Panchami 2024 Date in India: सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। आमतौर पर नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिन बाद आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार जुलाई या अगस्त में आता है। इस दिन भगवान शिव के साथ ही नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन स्त्रियां अपने भाई व परिवार की सुरक्षा की कामना करती हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव व नाग देवता की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।नाग पंचमी कब और कैसे मनाई जाती है? नाग पंचमी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी (जुलाई-अगस्त) को मनाई जाती है। यह त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन लोग नागों (सांपों) की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, धान, और मिठाई का भोग लगाते हैं। नाग पंचमी का पौराणिक महत्व क्या है? नाग पंचमी का पौराणिक महत्व नाग देवता और भगवान शिव से जुड़ा है। कथा के अनुसार, भगवान शिव के गले में नागों का हार होता है और नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। एक अन्य कथा के अनुसार, महाभारत के समय अर्जुन के पोते परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था, जिससे नागों की रक्षा हुई। <>bनाग पंचमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है? नाग पंचमी का धार्मिक महत्व नाग देवता की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने से जुड़ा है। इस दिन लोग नागों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, धान, और मिठाई का भोग लगाते हैं। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, नाग पंचमी एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व है। यह उत्सव लोगों के बीच प्रेम, भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देता है और समाज में जीव-जंतु संरक्षण का संदेश फैलाता है। नाग पंचमी की तैयारी कैसे होती है? नाग पंचमी की तैयारी में लोग विशेष पूजा सामग्री का प्रबंध करते हैं। घरों और मंदिरों को सजाया जाता है और नाग देवता की मूर्तियों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लोग इस दिन विशेष पकवान बनाते हैं और उन्हें नाग देवता को अर्पित करते हैं। नाग पंचमी का उत्सव कैसे मनाया जाता है? नाग पंचमी के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और व्रत रखते हैं। दिन भर वे नाग देवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, धान, और मिठाई का भोग लगाते हैं। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और नाग मंत्र का जाप किया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में नाग पंचमी कैसे मनाई जाती है? भारत के विभिन्न हिस्सों में नाग पंचमी को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि पश्चिम और दक्षिण भारत में भी इसे उतने ही उत्साह से मनाया जाता है। नाग पंचमी का समग्र महत्व क्या है? नाग पंचमी केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और समाज में जीव-जंतु संरक्षण, प्रेम, भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, नाग पंचमी का उत्सव न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में भारतीयों द्वारा बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हमें अपने जीवन में खुशियों, समृद्धि और शांति की ओर अग्रसर करता है और समाज में एकजुटता और प्रेम का संदेश फैलाता है।

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Shivkrita Ganesh Stuti (शिवकृता गणेश स्तुति)

Shivkrita Ganesh Stuti भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करती है, जो "Remover of Obstacles" और "Lord of New Beginnings" के रूप में पूजित हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से गणेश जी के जन्म और उनकी शक्तियों का आह्वान करता है, जिन्हें "Divine Blessings" और "Success Giver" माना जाता है। यह स्तोत्र "Ganesh Devotional Hymn" और "Spiritual Success Prayer" के रूप में प्रसिद्ध है। इसके पाठ से भक्तों को जीवन में सुख, समृद्धि और आंतरिक शांति प्राप्त होती है। Shivkrita Ganesh Stuti को "Lord Ganesh Chant" और "Blessings for Prosperity" के रूप में पढ़ने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
Stuti

Shri Shardha Chalisa (श्री शारधा चालीसा)

श्री शारदा चालीसा देवी माँ शारदा को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। इसका पाठ मानसिक शांति, आध्यात्मिक प्रगति, और संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। Saraswati, जिन्हें Goddess of Knowledge कहा जाता है, का यह स्तोत्र भक्तों को बुद्धि और समृद्धि प्रदान करता है।
Chalisa

Shri Ganesha Sahasranama Stotram (श्री गणेश सहस्रनाम स्तोत्रम्)

श्री गणेश सहस्रनाम स्तोत्र भगवान गणेश (Lord Ganesha) के एक हजार पवित्र नामों का संग्रह है, जो उनकी दिव्यता (Divinity), बुद्धि (Wisdom) और सिद्धियों (Spiritual Powers) का गुणगान करता है। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान गणेश की कृपा से सफलता (Success), समृद्धि (Prosperity) और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) प्राप्त करने में मदद करता है। भगवान गणेश के ये 1000 नाम (1000 Names) उनकी सर्वशक्तिमानता (Omnipotence) और दया (Compassion) को दर्शाते हैं, जो भक्तों को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करते हैं। यह स्तोत्र हर उस व्यक्ति के लिए आदर्श है जो भगवान गणेश की कृपा (Grace) और रक्षा (Protection) प्राप्त करना चाहता है।
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Shri Lakshmi Sahasranama Stotram (श्री लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्रम्)

लक्ष्मी सहस्रनाम स्तोत्र स्कंद पुराण से लिया गया है, जहां इसे ऋषि सनत कुमार द्वारा 12 ऋषियों के एक समूह को सिखाए जाने का उल्लेख है। यहां यह भी कहा गया है कि देवी लक्ष्मी स्वयं कहती हैं कि यदि यह स्तोत्र बिना विश्वास के भी पाठ किया जाए, तो भी वह उस कुल में सदैव निवास करती हैं। एक अन्य महा लक्ष्मी सहस्रनाम का उल्लेख ब्रह्म पुराण में किया गया है, जो कश्मीर के वर्णन वाले अध्याय और हिरण्यगर्भ हृदय के अध्याय में पाया जाता है। इस अनुवाद के स्रोत में 1,033 नामों का उल्लेख है, हालांकि सहस्रनाम के पाठ में 1,008 नाम होने का उल्लेख है। कुछ स्पष्ट रूप से दोहराए गए नामों को मिला दिया गया है। इस प्रकाशन की एक और विशेषता यह है कि सहस्रनाम के बीच में देवी लक्ष्मी के कुछ अन्य स्तोत्र जोड़ दिए गए हैं और इन्हें नामावली में भी शामिल किया गया है।
Sahasranama-Stotram

Bhagwan Vadana (भगवान वन्दना)

भगवान वंदना सभी देवी-देवताओं (Gods and Deities) की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करती है। यह वंदना "divine blessings," "spiritual growth," और "inner peace" प्राप्त करने का माध्यम है। इसमें भगवान को "Supreme Power," "Creator of the Universe," और "Protector of Dharma" के रूप में संबोधित किया गया है। वंदना का पाठ जीवन में "harmony," "prosperity," और "moral guidance" लाने में सहायक होता है। भगवान की यह स्तुति भक्तों को "devotion," "faith," और "eternal happiness" प्रदान करती है।
Vandana

Kali Kavacham (काली कवचम्‌)

Kali Kavach (काली कवच): माँ काली को दस Mahavidyas में प्रथम स्थान प्राप्त है। Maa Kali सभी enemies, diseases और Tantra obstacles को दूर करती हैं। जो व्यक्ति नियमित रूप से Kali Kavach का पाठ करता है, उसके enemies स्वतः ही नष्ट होने लगते हैं, diseases ठीक होने लगते हैं। चाहे enemy कितना भी बड़ा क्यों न हो, वह Tantra-Mantra के सहारे भी उस व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ सकता, जो यह Kali Kavach धारण करता है। यह एक अत्यंत powerful Kavach है। यदि किसी व्यक्ति की Kundli में Shani की Sade Sati, Shani की Mahadasha, Shani की Dhaiya है या Shani planet किसी भी प्रकार से harm पहुँचा रहा है, तो Kali Kavach का पाठ करने से वह effect धीरे-धीरे कम होने लगता है। जो लोग इसे नियमित रूप से Puja के समय पढ़ते हैं, उनके family से diseases धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं। परिवार का environment positive बनने लगता है। Job loss, business problems, debt, wealth loss आदि समस्याएँ दूर हो जाती हैं। Kali Yantra Kavach धारण करने और Kali Kavach का पाठ करने से व्यक्ति सभी enemies से सुरक्षित रहता है। Evil eye और black magic का effect समाप्त हो जाता है। यदि किसी पर hypnosis या Tantra किया गया हो, तो वह भी ineffective हो जाता है। माँ काली सभी तंत्र बाधाओं से रक्षा करती हैं।
Kavacha

Shri Gayatri Kavacham (श्री गायत्री कवचम्‌)

श्री Gayatri Kavach एक महान Kavach है जिसे स्वयं भगवान Shri Narayana ने Maharishi Narada को सिखाया और Maharishi Ved Vyasa द्वारा इसे रचित किया गया। Shri Gayatri Kavach का उल्लेख Shrimad Devi Bhagavata Purana के 12वें Skandha के तीसरे अध्याय में किया गया है। भगवान Sriman Narayana ने Maharishi Narada को Devi Gayatri के इस दिव्य Kavach की महिमा और इसे जपने से मिलने वाले Punya के बारे में बताया। भगवान ने कहा कि इस पवित्र Kavach का पाठ करने से साधक के समस्त Pap नष्ट हो जाते हैं, सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, और साधक को Moksha की प्राप्ति होती है। भगवान Sriman Narayana ने आगे बताया कि Devi Gayatri का यह दिव्य Kavach सभी बाधाओं और बुराइयों को नष्ट करने में सक्षम है। यह साधक को 64 प्रकार के Knowledge (Art Forms) प्रदान करने और Moksha देने में समर्थ है। इसके अलावा, जो भी व्यक्ति Gayatri Kavach का पाठ करता है या इसकी महिमा को सुनता है, वह एक हजार Gau-Daan (एक हजार Cows का दान) के बराबर Punya प्राप्त करता है। इस प्रकार Shri Gayatri Kavach एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली रचना है, जो जीवन के सभी कष्टों को समाप्त कर, साधक को Divinity और Moksha की ओर ले जाती है।
Kavacha

Shri Mahakali Chalisa (श्री महाकाली चालीसा)

महाकाली चालीसा माँ महाकाली को समर्पित है। माँ काली को time goddess, Shyama, और Kapalini कहा जाता है। Kali mantra for protection जैसे "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
Chalisa