Chhath Puja (छठ पूजा) Date:- 2024-11-07

छठ पूजा परगुरुवार, 7 नवंबर, 2024 छठ पूजा के दिन सूर्योदय -06:02 AM छठ पूजा के दिन सूर्यास्त -05:04 AM षष्ठी तिथि प्रारम्भ -07 नवम्बर 2024 को 12:41 AM षष्ठी तिथि समाप्त -08 नवम्बर 2024 को 12:34 AM छठ पूजा को सूर्य षष्ठी , छठ , छठी , छठ पर्व , डाला पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है ।छठ पूजा कब और कैसे मनाई जाती है? छठ पूजा मुख्यतः कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। छठ पूजा का पौराणिक महत्व क्या है? छठ पूजा का पौराणिक महत्व सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा से जुड़ा है। यह माना जाता है कि सूर्य देवता की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा की कथाएं महाभारत काल से जुड़ी हैं, जहां कर्ण और द्रौपदी ने सूर्य देवता की पूजा की थी। छठ पूजा की तैयारी कैसे होती है? छठ पूजा की तैयारी में लोग विशेष पूजा सामग्री का प्रबंध करते हैं। घरों और घाटों को साफ-सुथरा किया जाता है और सजाया जाता है। इस दौरान लोग विशेष पकवान बनाते हैं और उन्हें सूर्य देवता को अर्पित करते हैं। व्रतधारी महिलाएं कच्चे बांस की सूप में फल, ठेकुआ और नारियल आदि रखकर पूजा करती हैं। छठ पूजा का उत्सव कैसे मनाया जाता है? छठ पूजा के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और व्रत रखते हैं। दिन भर वे सूर्य देवता की पूजा करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान महिलाएं विशेष रूप से व्रत रखती हैं और सूर्य देवता की कथा सुनती हैं। शाम को अर्घ्य देने के लिए व्रतधारी महिलाएं नदी या तालाब के किनारे जाती हैं और सूर्यास्त के समय सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं। अगले दिन सुबह सूर्योदय के समय भी अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण किया जाता है। छठ पूजा का समग्र महत्व क्या है? छठ पूजा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह पर्व धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है।

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Sundarkand (सुन्दरकाण्ड)

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Shri Vishnu 28 Naam Stotra (श्रीविष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्रम्)

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