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Saptmukhi Hanuman Kavacham ||श्री सप्तमुखी हनुमत्कवचम् : Full Lyrics
Saptmukhi Hanuman Kavacham (श्री सप्तमुखी हनुमत्कवचम्)
सप्तमुखी हनुमान कवचम् एक अत्यंत शक्तिशाली divine armor है, जो भगवान Lord Hanuman की कृपा से साधक को अद्भुत protection, strength और spiritual energy प्रदान करता है। इस sacred kavach का पाठ करने से व्यक्ति को न केवल negative energies से मुक्ति मिलती है, बल्कि वह अपने जीवन में success, courage और आत्मिक उन्नति भी प्राप्त करता है। यह powerful mantra शत्रु बाधा, बुरी शक्तियों और किसी भी प्रकार के evil spirits से रक्षा करने में सहायक है। श्री Saptmukhi Hanuman Kavacham का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को fearlessness, confidence और अद्भुत मानसिक एवं शारीरिक बल प्राप्त होता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में career growth, prosperity और health protection चाहता है, उसके लिए यह divine shield अत्यंत प्रभावशाली है। यह spiritual armor साधक के चारों ओर एक protective aura बनाता है, जिससे वह किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। भगवान Panchmukhi Hanuman की कृपा से व्यक्ति के जीवन में peace, stability और अपार ऊर्जा का संचार होता है, जिससे वह हर संकट का सामना कर सकता है और जीवन में success and happiness प्राप्त करता है।॥ श्री सप्तमुखी हनुमत्कवचम् ॥
(Saptmukhi Hanuman Kavacha)
॥ ॐ गण गणपतये नमः ॥
ॐ अस्य श्रीसप्तमुखीवीरहनुमत्कवच स्तोत्रमन्त्रस्य,
नारदऋषिः ,अनुष्टुप्छन्दः ,श्रीसप्तमुखीकपिः
परमात्मादेवता ,ह्रां बीजम् ,ह्रीं शक्तिः ,ह्रूं कीलकम्,
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
ॐ ह्रां अङ्गुष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः ।
ॐ ह्रूं मध्यमाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रैं अनामिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रः करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ।
ॐ ह्रां हृदयाय नमः ।
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा ।
ॐ ह्रूं शिखायै वषट् ।
ॐ ह्रैं कवचाय हुं ।
ॐ ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट् ।
ॐ ह्रः अस्त्राय फट् ।
॥ अथ ध्यानम् ॥
वन्देवानरसिंहसर्परिपुवाराहाश्वगोमानुषैर्युक्तं
सप्तमुखैः करैर्द्रुमगिरिं चक्रं गदां खेटकम् ।
खट्वाङ्गं हलमङ्कुशं फणिसुधाकुम्भौ शराब्जाभयान्
शूलं सप्तशिखं दधानममरैः सेव्यं कपिं कामदम् ॥
॥ ब्रह्मोवाच ॥
सप्तशीर्ष्णः प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम् ।
जप्त्वा हनुमतो नित्यं सर्वपापैः प्रमुच्यते ॥ १॥
सप्तस्वर्गपतिः पायाच्छिखां मे मारुतात्मजः ।
सप्तमूर्धा शिरोऽव्यान्मे सप्तार्चिर्भालदेशकम् ॥ २॥
त्रिःसप्तनेत्रो नेत्रेऽव्यात्सप्तस्वरगतिः श्रुती ।
नासां सप्तपदार्थोऽव्यान्मुखं सप्तमुखोऽवतु ॥ ३॥
सप्तजिह्वस्तु रसनां रदान्सप्तहयोऽवतु ।
सप्तच्छन्दो हरिः पातु कण्ठं बाहू गिरिस्थितः ॥ ४॥
करौ चतुर्दशकरो भूधरोऽव्यान्ममाङ्गुलीः ।
सप्तर्षिध्यातो हृदयमुदरं कुक्षिसागरः ॥ ५॥
सप्तद्वीपपतिश्चित्तं सप्तव्याहृतिरूपवान् ।
कटिं मे सप्तसंस्थार्थदायकः सक्थिनी मम ॥ ६॥
सप्तग्रहस्वरूपी मे जानुनी जङ्घयोस्तथा ।
सप्तधान्यप्रियः पादौ सप्तपातालधारकः ॥ ७॥
पशून्धनं च धान्यं च लक्ष्मीं लक्ष्मीप्रदोऽवतु ।
दारान् पुत्रांश्च कन्याश्च कुटुम्बं विश्वपालकः ॥ ८॥
अनुक्तस्थानमपि मे पायाद्वायुसुतः सदा ।
चौरेभ्यो व्यालदंष्ट्रिभ्यः श्रृङ्गिभ्यो भूतराक्षसात् ॥ ९॥
दैत्येभ्योऽप्यथ यक्षेभ्यो ब्रह्मराक्षसजाद्भयात् ।
दंष्ट्राकरालवदनो हनुमान् मां सदाऽवतु ॥ १०॥
परशस्त्रमन्त्रतन्त्रयन्त्राग्निजलविद्युतः ।
रुद्रांशः शत्रुसङ्ग्रामात्सर्वावस्थासु सर्वभृत् ॥ ११॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय
आद्यकपिमुखाय वीरहनुमते
सर्वशत्रुसंहारणाय ठंठंठंठंठंठंठं
ॐ नमः स्वाहा ॥ १२॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय
द्वीतीयनारसिंहास्याय अत्युग्रतेजोवपुषे
भीषणाय भयनाशनाय हंहंहंहंहंहंहं
ॐ नमः स्वाहा ॥ १३॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय तृतीयगरुडवक्त्राय
वज्रदंष्ट्राय महाबलाय सर्वरोगविनाशाय
मंमंमंमंमंमंमं ॐ नमः स्वाहा ॥ १४॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय चतुर्थक्रोडतुण्डाय
सौमित्रिरक्षकाय पुत्राद्यभिवृद्धिकराय लंलंलंलंलंलंलं
ॐ नमः स्वाहा ॥ १५॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय पञ्चमाश्ववदनाय
रुद्रमूर्तये सर्ववशीकरणाय सर्वनिगमस्वरूपाय
रुंरुंरुंरुंरुंरुंरुं ॐ नमः स्वाहा ॥ १६॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय षष्ठगोमुखाय
सूर्यस्वरूपाय सर्वरोगहराय मुक्तिदात्रे
ॐॐॐॐॐॐॐ ॐ नमः स्वाहा ॥ १७॥
ॐ नमो भगवते सप्तवदनाय
सप्तममानुषमुखाय रुद्रावताराय-अञ्जनीसुताय
सकलदिग्यशोविस्तारकाय वज्रदेहाय
सुग्रीवसाह्यकराय उदधिलङ्घनाय सीताशुद्धिकराय
लङ्कादहनाय अनेकराक्षसान्तकाय रामानन्ददाय-
कायअनेकपर्वतोत्पाटकाय सेतुबन्धकाय
कपिसैन्यनायकाय रावणान्तकाय ब्रह्मचर्याश्रमिणे
कौपीनब्रह्मसूत्रधारकाय रामहृदयाय सर्वदुष्टग्रहनिवारणाय
शाकिनीडाकिनीवेतालब्रह्मराक्षसभैरवग्रह-
यक्षग्रहपिशाचग्रहब्रह्मग्रहक्षत्रियग्रहवैश्यग्रह-
शूद्रग्रहान्त्यजग्रहम्लेच्छग्रह- सर्पग्रहोच्चाटकाय मम
सर्व कार्यसाधकाय सर्वशत्रुसंहारकाय
सिंहव्याघ्रादिदुष्टसत्वाकर्षकायै काहिकादिविविधज्वरच्छेदकाय
परयन्त्रमन्त्रतन्त्रनाशकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय
सर्पादि- सर्वस्थावरजङ्गमविषस्तम्भनकराय
सर्वराजभयचोरभयाऽ
ग्निभयप्रशमनायाऽऽध्यात्मिकाऽऽधि-
दैविकाधिभौतिकतापत्रयनिवारणाय
सर्वविद्यासर्वसम्पत्सर्वपुरुषार्थ-दायकायाऽसाध्यकार्यसाधकाय
सर्ववरप्रदायसर्वाऽभीष्टकराय
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः ॐ नमः स्वाहा ॥ १८॥
य इदं कवचं नित्यं सप्तास्यस्य हनुमतः ।
त्रिसन्ध्यं जपते नित्यं सर्वशत्रुविनाशनम् ॥ १९॥
पुत्रपौत्रप्रदं सर्वं सम्पद्राज्यप्रदं परम् ।
सर्वरोगहरं चाऽऽयुःकीर्त्तिदं पुण्यवर्धनम् ॥ २०॥
राजानं स वशं नीत्वा त्रैलोक्यविजयी भवेत् ।
इदं हि परमं गोप्यं देयं भक्तियुताय च ॥ २१॥
न देयं भक्तिहीनाय दत्वा स निरयं व्रजेत् ॥ २२॥
नामानिसर्वाण्यपवर्गदानि रूपाणि
विश्वानि च यस्य सन्ति ।
कर्माणि देवैरपि दुर्घटानि तं
मारुतिं सप्तमुखं प्रपद्ये॥ २३॥
॥ इति श्री सप्तमुखी हनुमत्कवचं सम्पूर्णम् ॥
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Shri Hanuman Bahuk Path (श्री हनुमान बाहुक पाठ )
Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक): भगवान Hanuman को भगवान Rama का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। Shastra के अनुसार, माता Sita के आशीर्वाद से भगवान Hanuman अमर माने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज भी जहां कहीं भी Hanuman Chalisa, Sundarkand, Ramcharitmanas या Ramayana का पाठ होता है, वहां भगवान Hanuman अवश्य उपस्थित होते हैं। Hanuman Bahuk एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली प्रार्थना है जो Lord Hanuman को समर्पित है और इसे Goswami Tulsidas जी ने लिखा था। जब श्री Tulsidas असहनीय भुजा दर्द से पीड़ित थे और कोई भी दवा या मंत्र उन्हें राहत नहीं दे पा रहा था, तब उन्होंने Lord Hanuman जी की कृपा से इस पीड़ा से मुक्ति पाई। Hanuman Bahuk में कुल 44 verses हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई श्रद्धालु 40 days तक लगातार Hanuman Bahuk का पाठ करता है, तो वह विभिन्न मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्ति पा सकता है और उसके जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं। एक बार Tulsidas जी को उनकी एक भुजा और कंधे में असहनीय पीड़ा थी, जो Vata Dosha के कारण उत्पन्न हुई थी। त्वचा पर फफोले और घाव बन गए थे, जिससे वे बहुत पीड़ा में थे। कई औषधियों, ताबीजों और मंत्रों का सहारा लिया गया, लेकिन उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती गई। तब उन्होंने Hanuman Bahuk की रचना की, जिसमें Lord Hanuman जी की महिमा और शक्ति का गुणगान किया गया। उन्होंने Lord Hanuman जी से अपने शारीरिक कष्टों को दूर करने की प्रार्थना की और चमत्कारिक रूप से, Lord Hanuman की कृपा से Tulsidas जी को तुरंत राहत मिल गई। Hanuman Bahuk में कुल 44 verses हैं। इसमें क्रमशः Chhappaya (2), Jhoolna (1), Savaiya (5), और Ghanakshari (36) verses शामिल हैं। यदि Hanuman Chalisa को ध्यानपूर्वक पढ़ा और समझा जाए, तो यह स्पष्ट होता है कि Lord Hanuman इस Kaliyuga के जागृत देवता हैं, जो अपने भक्तों के सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए तत्पर रहते हैं। लेकिन एक शर्त यह है कि भक्त को अपने कर्मों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि Lord Hanuman किसी भी दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति का साथ नहीं देते।MahaMantra
Shri Hanumat-Vandana (श्रीहनुमत् -वन्दन)
श्री हनुमान वंदना भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति, और संकटमोचन स्वरूप की महिमा का वर्णन करती है। इसमें Lord Hanuman, जिन्हें Sankat Mochan, Asht Siddhi Nav Nidhi Data, और Bhakti Ke Pratik कहा जाता है, को संकट हरता, अशुभ नाशक, और शत्रुनाशक देवता के रूप में पूजा जाता है। उनकी वंदना से आत्मबल, साहस, धैर्य, और सफलता प्राप्त होती है।Vandana
Sankat Mochan Hanuman Ashtakam (संकट मोचन हनुमान अष्टकम्)
संकट मोचन हनुमान अष्टक, जिसे Hanuman Ashtak भी कहा जाता है, एक Devotional Hindi Bhajan है जो Lord Hanuman को समर्पित है। Sankat Mochan Hanuman Ashtakam ("Sankat Mochan Naam Tiharo") की रचना Mahakavi Tulsidas ने की थी, जो Hanuman Ji के महान Devotee थे। Ashtak या Ashtakam का अर्थ होता है Eight, और यह Prayer Lord Hanuman की Stuti (Praise) में Eight Verses में रची गई है, और इसके अंत में एक Doha आता है। अधिकांश Hanuman Ji Temples में, इस Sankat Mochan Hanuman Ashtak का Path (Chanting) Hanuman Chalisa के बाद किया जाता है। यह Mantra न केवल इसे Recite करने वाले व्यक्ति को Benefits प्रदान करता है, बल्कि उसके Family Members के लिए भी Auspicious होता है। यह Mantra Mental Peace प्रदान करता है और Family Harmony लाने में Helpful होता है। इस Mantra का Regular Chanting करने से Health Improvement होता है, चाहे वह Adults का हो या Kids का। कई मामलों में, यह Mantra Court Cases में Positive Results लाने में भी Helpful सिद्ध हुआ है। Sankat Mochan Hanuman Ashtak का Recitation व्यक्ति और उसके Loved Ones के Overall Well-being के लिए किया जाता है। यह सभी Obstacles को Remove करता है और किसी भी Field में Success प्राप्त करने में Supportive होता है।Ashtakam
Shri Hanuman Stotram (श्री हनुमत्स्तोत्रम्)
Hanuman ji Stotra मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त संकट मोचन को प्रसन्न करना चाहते हैं या फिर उनकी पूरी कृपा पाना (Hanuman ji Puja Vidhi) चाहते हैं तो उन्हें प्रत्येक दिन श्री हनुमान स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए जो इस प्रकार हैं-Stotra
Shri Hanuman Mahamantra (श्री हनुमान महामंत्र)
श्री Hanuman Mahamantra अद्भुत divine power से भरपूर है, जो हर संकट को दूर करता है। यह spiritual mantra मन को शांति, शक्ति और साहस प्रदान करता है। Bhakti energy से ओतप्रोत यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मकता लाता है। इसे मंगलवार, शनिवार या किसी भी auspicious festival जैसे राम नवमी, हनुमान जयंती और दिवाली पर जपना अत्यंत फलदायी होता है। Lord Hanuman blessings प्राप्त करने के लिए इसे सुबह या संकट के समय जपना चाहिए। यह divine chant बुरी नजर, भय और बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। साधक को इसमें spiritual vibrations का अनुभव होता है जो आत्मा को शुद्ध करता है। यह मंत्र Success, Protection, और Courage बढ़ाने के लिए जाना जाता है। Positive aura creation के लिए ध्यान के साथ जपने से यह अधिक प्रभावी होता है।MahaMantra
Aapaduddharak Hanumatstotram (आपदुद्धारक हनुमत्स्तोत्रम्)
आपदुद्धारक हनुमत्स्तोत्रम् भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भक्तों को कठिनाइयों और खतरों से बचाने के लिए जाना जाता है। इस स्तोत्र का जाप करने से दिव्य सुरक्षा, साहस और आध्यात्मिक समर्थन मिलता है।Stotra
Shri Hanuman Badbanal Stotram (श्री हनुमान् बडबानल स्तोत्रम्)
श्री हनुमान् बडबानल स्तोत्रम् भगवान हनुमान की महिमा गाने वाला एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो उनकी असीम शक्ति और भक्ति के लिए जाना जाता है। इस स्तोत्र का जाप करने से उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।Stotra
Shri Hanuman Ji Arti ( 2) (श्री हनुमान् जी की आरती )
श्री हनुमान लला जी की आरती भगवान हनुमान के बाल स्वरूप की पूजा है। इसमें उनकी शक्ति, भक्ति, और निर्भयता का गुणगान किया गया है। इस आरती में Baal Hanuman, जिन्हें Ram Bhakt Hanuman और Sankat Mochan भी कहा जाता है, को संकटमोचन, शत्रुनाशक, और Karunamay के रूप में पूजा जाता है। आरती गाकर भक्त निर्भयता, साहस, और दिव्य शक्ति की प्राप्ति करते हैं।Arti