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Shri Sita Rama Ashtakam: श्री सीता राम अष्टकम् | 8 Verses Glorifying Sita-Ram’s Devotion
Shri Sita Rama Ashtakam (श्रीसीतारामाष्टकम्)
सीता राम अष्टकम भगवान राम को समर्पित है। सीता राम अष्टकम का नियमित पाठ भगवान राम और सीता का आशीर्वाद प्रदान करता है। मंत्र शब्दों या अक्षरों का एक अनूठा संयोजन है, जिसमें छिपी हुई शक्तिशाली और रहस्यमयी शक्ति होती है, जो इसे एक विशिष्ट तरीके से उपयोग करने पर वांछित परिणाम प्रदान करती है।श्रीसीतारामाष्टकम्
ब्रह्ममहेन्द्रसुरेन्द्रमरुद्गणरुद्रमुनीन्द्रगणैरतिरम्यं
क्षीरसरित्पतितीरमुपेत्य नुतं हि सतामवितारमुदारम् ।
भूमिभरप्रशमार्थमथ प्रथितप्रकटीकृतचिद्धनमूर्ति त्वां
भजतो रघुनन्दन देहि दयाघन मे स्वपदाम्बुजदास्यम् ॥१॥
पद्मदलायतलोचन हे रघुवंशविभूषण देव दयालो
निर्मलनीरदनीलतनोऽखिललोकहृदम्बुजभासक भानो ।
कोमलगात्र पवित्रपदाब्जरजःकणपावितगौतमकान्त । त्वां० ॥ २ ॥
पूर्ण परात्पर पालय मामतिदीनमनाथमनन्तसुखाब्धे
प्रावृडदभ्रतडित्सुमनोहरपीतवराम्बर राम नमस्ते ।
कामविभञ्जन कान्ततरानन काञ्चनभूषण रत्नकिरीट । त्वां० ॥ ३ ॥
दिव्यशरच्छशिकान्तिहरोज्ज्वलमौक्तिकमालविशालसुमौले
कोटिरविप्रभ चारुचरित्रपवित्र विचित्रधनुः शरपाणे ।
चण्डमहाभुजदण्डविखण्डितराक्षसराजमहागजदण्डं । त्वां० ॥ ४ ॥
दोषविहिंस्त्रभुजङ्गसहस्त्रसुरोषमहानलकीलकलापे
जन्मजरामरणोर्मिमये मदमन्मथनक्रविचक्रभवाब्धौ ।
दुःखनिधौ च चिरं पतितं कृपयाद्य समुद्धर राम ततो मां । त्वां० ॥ ५ ॥
संसृतिघोरमदोत्कटकुञ्जरतृट्क्षुदनीरदपिण्डिततुण्डं
दण्डकरोन्मथितं च रजस्तम उन्मदमोहपदोज्झितमार्तम् ।
दीनमनन्यगतिं कृपणं शरणागतमाशु विमोचय मूढं । त्वां० ॥ ६ ॥
जन्मशतार्जितपापसमन्वितहृत्कमले पतिते पशुकल्पे
हे रघुवीर महारणधीर दयां कुरु मय्यतिमन्दमनीषे ।
त्वं जननी भगिनी च पिता मम तावदसि त्ववितापि कृपालो । त्वां० ॥ ७ ॥
त्वां तु दयालुमकिञ्चनवत्सलमुत्पलहारमपारमुदारं
राम विहाय कमन्यमनामयमीश जनं शरणं ननु यायाम् ।
त्वत्पदपद्ममतः श्रितमेव मुदा खलु देव सदाव ससीत । त्वां० ॥ ८ ॥
यः करुणामृतसिन्धुरनाथजनोत्तमबन्धुरजोत्तमकारी
भक्तभयोर्मिभवाब्धितरिः सरयूतटिनीतटचारुविहारी ।
तस्य रघुप्रवरस्य निरन्तरमष्टकमेतदनिष्टहरं वै यस्तु
पठेदमरः स नरो लभतेऽच्युतरामपदाम्बुजदास्यम् ॥९॥
इति श्रीमन्मधुसूदनाश्रमशिष्याच्युतयतिविरचितं श्रीसीतारामाष्टकं सम्पूर्णम् ।
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Ram Stuti भगवान श्री राम जी को समर्पित है। नियमित रूप से Ram Stuti का पाठ करने से साधक के घर, ऑफिस और व्यवसाय के सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इसे करने से भगवान Shri Hanuman Ji को धन्यवाद देना भी बहुत सरल हो जाता है। इसलिए, जब भी भगवान Hanuman Ji की पूजा से पहले भगवान राम की स्तुति की जाती है, तो Shri Hanuman Ji का आशीर्वाद प्राप्त होता है। strong>Ram Stuti शब्दों और अक्षरों का एक अनूठा संयोजन है, जिसमें छुपी हुई शक्तिशाली और रहस्यमयी ऊर्जा होती है, जो इसे एक विशेष विधि से जपने पर वांछित परिणाम प्रदान करती है। श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, श्री हनुमान जन्मोत्सव और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से वाचन किया जाने वाली वंदना।Stuti